BHU Research: शोधकर्ताओ ने खोजा अनोखा कवक, उत्तराखंड से एकत्र किये गए थे नमूने
BHU Research: यह शोध कार्य प्रतिष्ठित जरनल फाइटोटैक्सा (Phytotaxa) में 3 नवम्बर 2022 को प्रकाशित हुआ।
BHU Research: बीएचयू के शोधकर्ताओं की टीम ने उत्तराखण्ड से एकत्र किए नमूने से कवक के एक नये वंश की खोज की है। यह शोध कार्य प्रतिष्ठित जरनल फाइटोटैक्सा (Phytotaxa) में 3 नवम्बर 2022 को प्रकाशित हुआ। विभाग के डॉ.राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि जुलाई 2019 में सर्वेक्षण के दौरान उत्तराखंड से बरगद की कवक द्वारा रोग ग्रसित पत्तियों के नमूने को इकट्ठा किया।
प्रयोगशाला मे इस कवक को उगाकर एवं इसका गहन अध्ययन करने के बाद इस नई वंश के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा किया गया। यह खोज आधुनिक पॉलीफेजिक तकनीक का उपयोग करके किया गया है, जो जीवों की पहचान करने में सबसे अधिक उपयुक्त और अहम माना जाता है।
प्राख्यात वैज्ञानिक डॉ.कमल के नाम पर रखा गया कवक का नाम
इस कवक के जीन्स का नाम नियोकमलोमाइसीज के नाम से नामित किया गया है जो भारत में कवक विविधता क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विश्व प्राख्यात वैज्ञानिक, प्रोफ़ेसर डॉ.कमल के नाम पर रखा गया है, एवं इस जाति का नाम इंडिकस, इंडिया के नाम पर रखा गया है।
भारत में कवकों की विविधता के क्षेत्र में प्रोफ़ेसर कमल का योगदान सबसे अधिक हैI इन्होने अब तक कवकों की अनेकों नई जातियों एवं प्रजातियों की खोज कर विश्व पटल पर उत्तकृष्ट योगदान दिया, तथा इस क्षेत्र में शोधकार्य करने वाले वैज्ञानिकों के लिए वे सदैव प्रेरणा के श्रोत रहें हैं।
वैश्विक जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में जैव विविधता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। वैज्ञनिक शोधों के अनुसार यदि जैव विविधता की पहचान और संरक्षण के लिए प्रयास नहीं किए गए तो मानव जाति के समक्ष ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जो जीवों की तमाम प्रकार की जातियाँ एवं प्रजातियाँ हमेशा के लिए विलुप्त हो सकती हैं।
एंटीबायोटिक दवाओं के निर्माण में सहायक है नया कवक
शोधकर्ताओं की माने तो यह खोज पूरे विश्व के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि नये-नये कवको से नये-नये एंटीबायोटिक दवाओं तथा अन्य महत्वपूर्ण मिश्रण (मेटाबोलाइट) से अलग-अलग प्रकार के कैंसर इत्यादि की दवाओं की खोज की जा रही है। अतः यह खोज जैव विविधता की पहचान और संरक्षण के लिए समर्पित एक सार्थक प्रयास है।
जैव तकनीकी के क्षेत्र में शोध कार्य करने वाले वैज्ञानिकों एवं जैव नियंत्रण इंडस्ट्रीज में कार्य करने वाले पादप रोगों से संबंधित वैज्ञानिक, एंटीफंगल कंपाउंड बनाने में रुचि रखने वाले वैज्ञानिकों के लिए यह शोध कार्य बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन के लिए कवक एक संभावित सोने की खान है। इस शोध में विभाग के राघवेन्द्र सिंह एवं उनकी टीम संजय, संजीत, विनय, बालमुकुंद, डॉ.पारस नाथ सिंह और डॉ.शंम्भू कुमार शामिल रहें।