UP: एक करोड़ 11 लाख बच्चे 'प्राइमरी स्कूलों' से गायब, UID नंबर जारी करने के दिए निर्देश
प्राइमरी स्कुलों में एक करोड़ 11 लाख बच्चों के भूत पढ़ाई कर रहे हैं। मीडिया और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ।
लखनऊ: यूपी के प्राइमरी स्कूलों में एक करोड़ 11 लाख बच्चे पढ़ाई तो कर रहे, लेकिन इनका कोई अता पता नहीं हैं, कि ये कौन हैं और उनके क्या नाम हैं। मीडिया और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ। जिसमें बताया गया, कि एक तरफ जहां साल 2011 से 2016 के बीच राज्य सरकार के सर्वे में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या करीबन 11 करोड़ 88 लाख दर्ज की गई थी।
केंद्रीय स्तर पर जिला शिक्षा सूचना सिस्टम के आंकड़ों में ये संख्या 12 करोड़ 99 लाख तक ही है। बाकी 1 करोड़ 11 लाख का आंकड़ा उन बच्चों का है, जो पंजीकृत तो हैं लेकिन कोई अता पता नहीं है।
इन आंकड़ों को सीएजी द्वारा 16 जिलों में किए गए सर्वे में दर्ज किए गए। इनमें गोरखपुर, महाराजगंज और कानपुर देहात को छोड़कर अन्य 13 जिलों में प्राइमरी स्कूलों में पंजीकृत छात्रों की संख्या अधिक दर्ज हुई है।
क्या कहते हैं आंकड़े
साल 2011 से 12 में ऐसे ये संख्या 24 लाख 62 हजार की थी, वहीं साल 2012 से 2013 में ये संख्या बढ़कर 24 लाख 93 हजार हो गई। वहीं साल 2013 से 14 तथा 2014 से 15 में ये संख्या 20 लाख 43 हजार तथा 21 लाख 43 हजार दर्ज हुई थी, तो वहीं साल 2015 से 16 में ये संख्या बढंकर 19 लाख 31 हजार हो गई, और अब ये संख्या एक करोड़ 11 लाख तक पहुंच गई है।
बच्चे को UID नंबर जारी करने का निर्देश
रामपुर में छात्रों की ये संख्या 52 प्रतिशत अधिक दर्ज हुई। फिरोजाबाद और सोनभद्र में ये संख्या 23 फीसदी और 18 फीसदी तक दर्ज की गई। सर्वे में शामिल अन्य जिलों में उन्नाव, बहराइच, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, झांसी, लखीमपुर, मऊ, पीलीभीत और सुल्तानपुर भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने भी स्कूलों में वास्तविक संख्या से अधिक बच्चों के होने की बात स्वीकार की है। सीएजी ने इस समस्या से निपटने के लिए हर बच्चे को UID नंबर जारी करने का निर्देश दिया है।