हवलदार का बेटे बना इसरो का साइंटिस्‍ट, देश में हासिल किया दूसरा स्‍थान

Update:2018-09-01 18:31 IST

गोरखपुर: जिला गोरखपुर एक बार फिर चर्चा में है। इस बार एक सीआईएसएफ हवलदार के बेटे की वजह से गोरखपुर का नाम सुर्खियों में है। सीआईएसएफ में हवलदार प्रमोद कुमार दुबे के पुत्र शुभम दुबे ने अपनी सफलता के झंडे गाड़कर गोरखपुर का नाम रोशन किया है। शुभम इसरो में साइंटिस्ट बन गए हैं। सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक करने के बाद शुभम एक साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। अप्रैल महीने में इसकी लिखित परीक्षा और जुलाई में इंटरव्यू हुआ। इसरो ने बुधवार को ही परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित किया, जिसमें शुभम को देश में दूसरी रैंक मिली है।

आर्थिक तंगी के बीच मिली सफलता

शहर के जेल बाईपास रोड निवासी शुभम कुमार दुबे के लिए खास यह है कि परिवार की आर्थिक तंगी के बीच सफलता हासिल की है। उनकी शुरुआती पढ़ाई इनई रेलवे सीनियर सेकेंड्री स्कूल कौवाबाग से हुई। हाईस्कूल में स्कूल में टॉप भी किया था शुभम ने। इंटर की परीक्षा भी उन्होंने अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की। इसके बाद उनका सलेक्शन एमएमएमयूटी के बीटेक के लिए हो गया। उनसे एक साल बड़ी बहन हर्षिता दुबे भी बीटेक की प्रवेश परीक्षा पास की थी।

उनका सेलेक्शन भी एक सरकारी कॉलेज के लिए हुआ था मगर पिता के पास इतना पैसा नहीं था कि दो बच्चों की इंजीनियरिंग की फीस भर सकें। ऐसे में बेटी ने त्याग किया और इंजीनियरिंग का विचार छोड़ दिया। शुभम को एमएमएमयूटी में बीटेक में प्रवेश मिला। सिविल इंजीनियरिंग से 2017 में बीटेक पास करने के बाद उन्होंने आईईएस की तैयारी शुरू कर दी। पांच महीने के लिए दिल्ली गए और तैयारी के दौरान उन्होंने आईईएस प्री क्वालिफाई भी कर लिया।

घर पर रहकर करी तैयारी

शुभम ने बताया कि बाहर रहने पर खर्च अधिक था, लिहाजा वहां से स्टडी मैटीरियल लेकर वह गोरखपुर लौट आए। घर रह कर ही तैयारी कर रहे थे। शुभम ने बताया कि उनकी सफलता में माता पिता व बहन के अलावा उनके दोस्त विवेक तथा गुरु व मेंटर बीपी पांडेय का बड़ा योगदान है। बहन ने उन्हें हमेशा सफलता के लिए प्रेरित किया। स्नातक पास करने के बाद से हर्षिता घर पर ही सिविल सेवा की तैयारी कर रही हैं।

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