CUET 2022 Admission: यूनिवर्सिटी एडमिशन में आये लाखों आवेदन, छात्रों की पहली पसंद है डीयू

Common University Entrance Test 2022 के लिए 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण करवाया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तथा बीएचयू में आवेदन के लिए कुल 46 लाख से अधिक फॉर्म आए हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-05-23 05:43 GMT

Delhi University (Image Credit : Social Media)

University Admission 2022 : स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) लेने के लिए 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है। जबकि कुल आवेदन 46 लाख हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University), बीएचयू (BHU) और इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) शीर्ष प्राथमिकता के रूप में उभरे हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के छात्रों ने बड़ी संख्या में पंजीकरण किया है।

2022-23 शैक्षणिक सत्र में 44 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 12 राज्य विश्वविद्यालय, 11 डीम्ड विश्वविद्यालय और 19 निजी विश्वविद्यालय सीयूईटी के माध्यम से स्नातक छात्रों को एडमिशन देंगे। टेस्ट की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में, डीयू (DU) 6 लाख से अधिक आवेदनों के साथ लिस्ट में सबसे आगे है, इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (3.94 आवेदन) और इलाहाबाद विश्वविद्यालय (2.31 लाख आवेदन) हैं। लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय 1.49 लाख आवेदनों के साथ काफी पीछे है।

शुरू में सीयूईटी (CUT) को अपनाने पर आपत्ति व्यक्त करने वाले जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को 1 लाख 21 हजार आवेदन मिले हैं। संस्थान अपने 10 स्नातक कार्यक्रमों में सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश कर रहा है। सरकार ने शुरू में जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कहा था कि सभी यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश सीयूईटी के माध्यम से किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन बाद में संस्थानों को केवल चयनित कार्यक्रमों के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति दी गई।

अपने स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों और उन्नत शोध के लिए अधिक लोकप्रिय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को 57,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

राज्य के विश्वविद्यालयों में, दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अंबेडकर विश्वविद्यालय 1.28 लाख से अधिक आवेदनों के साथ सबसे लोकप्रिय के रूप में उभरा है, इसके बाद यूपी का डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय 97,376 आवेदनों के साथ है। मेरठ स्थित आईआईएमटी को 1.37 आवेदन प्राप्त हुए, जो निजी विश्वविद्यालयों में शीर्ष पर रहा। पिछले साल, लगभग 9.39 लाख उम्मीदवारों ने स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई (मेन्स) लिया था, जबकि लगभग 15.4 ने मेडिकल प्रवेश एनईईटी लिया था।

सबसे ज्यादा आवेदन यूपी से

6 अप्रैल को आवेदन विंडो खुलने के बाद के शुरुआती दिनों में देखे गए रुझान के अनुरूप, सबसे अधिक 3 लाख 30 हजार पंजीकरण उत्तर प्रदेश से आए हैं।यूपी के बाद दिल्ली (1.5 लाख पंजीकरण), बिहार (83,672), हरियाणा (69,349), मध्य प्रदेश (62,394), राजस्थान (48,016) हैं। दक्षिणी राज्यों में, केरल में 40,476 आवेदन हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 16,590 आवेदन हैं।

पिछले महीने, तमिलनाडु विधानसभा ने सीयूईटी के खिलाफ एक प्रस्ताव अपनाया था, जिसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि टेस्ट के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारों के उल्लंघन का कोई मामला नहीं है।

पूर्वोत्तर राज्यों का हाल

आवेदन की संख्याएँ पूर्वोत्तर में छात्रों के बीच डीयू की लोकप्रियता को भी दर्शाती हैं क्योंकि इस क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा संस्थानों का अभाव है, जिससे छात्रों को देश के अन्य हिस्सों में पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लगभग 26 लाख की आबादी वाले राज्य मेघालय से 17,613 पंजीकरण हुए हैं, जबकि कर्नाटक से केवल 5,739 पंजीकरण हुए हैं।

वैसे, सरकार ने 19 मई को पूर्वोत्तर में आठ केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उत्तराखंड में एक को सीयूईटी आयोजित करने से छूट दी थी। इसकी वजह इन क्षेत्रों में परिचालन कठिनाइयों को बताया गया था।

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू सहित 13 भाषाओं में सीयूईटी 2022 आयोजित करेगी। प्रवेश परीक्षा भारत के 547 शहरों और भारत के बाहर 13 शहरों में आयोजित की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को एक स्वतंत्र, स्वायत्त और आत्मनिर्भर प्रीमियर परीक्षण संगठन के रूप में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत स्थापित किया है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकीकृत परीक्षण अनुसंधान आधारित वैध, विश्वसनीय, कुशल, पारदर्शी, निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकन के विकास और प्रशासन द्वारा शिक्षा में इक्विटी और गुणवत्ता में सुधार के मिशन के साथ प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करना है।

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