CUET 2022: बिहार-यूपी के छात्रों के लिए खुशखबरी, CUET ऐसे बनाएगा राहें आसान, DU-BHU में मिलेंगे दाखिले

CUET 2022: UGC अध्यक्ष ने ये भी कहा, कि सीयूईटी का विश्वविद्यालयों की आरक्षण नीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने ये भी कहा, कि CUET के बाद किसी भी केंद्रीय काउंसलिंग का आयोजन नहीं होगा।

Written By :  aman
Update: 2022-06-13 13:03 GMT

CUET 2022 UP-Bihar Students (प्रतीकात्मक फोटो)

Cuet 2022: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC के नए नियम के अनुसार इस साल से केंद्रीय यूनिवर्सिटी (Central University) को स्नातक पाठ्यक्रमों (Undergraduate Courses) में छात्रों के दाखिले के लिए CUET 2022 के प्राप्तांकों का उपयोग करना होगा। कहने का मतलब है कि, अब पहले की तरह कट ऑफ नहीं बल्कि विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CUET) में प्राप्त अंकों का उपयोग होगा।

बीते दिनों इस बारे में UGC के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार (UGC President M Jagadesh Kumar) ने कहा था, कि जुलाई के पहले हफ्ते में CUET 2022 का आयोजन किया जाएगा। इस नई प्रक्रिया का फायदा ऐसे छात्रों को मिलेगा, जो अब तक मार्क्स कम रहने की वजह से एडमिशन से वंचित रह जाते थे। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बोर्ड के स्टूडेंट्स को इसका सीधा फायदा मिलेगा। साधारण अर्थों में कहें तो इसका मतलब है कि विभिन्न यूनिवर्सिटी के पात्रता मानदंडों को छोड़कर छात्रों के दाखिले में 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों का कोई असर नहीं रह जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के इस नए फैसले से बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्र बेहद खुश हैं।

अब नहीं पिछड़ेंगे यूपी-बिहार के छात्र 

आपको बता दें कि, यूपी और बिहार बोर्ड की परीक्षाओं के रिजल्ट पर गौर करें तो वो हमेशा ही तुलनात्मक नजरिये से सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई (ICSE) के छात्रों के परिणामों से कम होते हैं। अक्सर इन राज्य बोर्डों के रिजल्ट तुलनात्मक दृष्टि से CBSE-ICSE से कम रहते हैं। इसका नुकसान इन बोर्ड के छात्रों को उठाना पड़ता रहा है। ऐसे में जब दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंतर्गत कोई कॉलेज दाखिले के लिए ऊंची कट ऑफ लिस्ट रखता है, तो इन स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट पहली बार में ही बाहर हो जाते रहे हैं। हालांकि, हाल के समय में इन बोर्डों के कट ऑफ और रिजल्ट में सुधार हुआ है, बावजूद यहां के स्टूडेंट दाखिले की दौड़ में पिछड़ जाते हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अब अगर किसी छात्र के रिजल्ट सामान्य रहें हैं, मगर वो पढ़ने में अच्छा है तो वो CUET में अच्छे अंक लाकर डीयू के किसी नामी कॉलेज में दाखिला ले पाएगा। 

13 भाषाओं में होगी परीक्षा  

जगदीश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि, 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक सहायता मिलती है। उन्होंने कहा, कि CUET का पाठ्यक्रम NCERT की 12वीं कक्षा के सिलेबस (Syllabus) से मिलता-जुलता ही होगा। सीयूईटी में सेक्शन-1 ए, सेक्शन-1 बी, सामान्य परीक्षा और पाठ्यक्रम-विशिष्ट विषय होंगे। सेक्शन-1 ए अनिवार्य होगा, जो कि 13 भाषाओं में होगा। उम्मीदवार इनमें से अपनी पसंद की भाषा का चयन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि, छात्रों के पास अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू का विकल्प रहेगा।

आरक्षण नीति पर नहीं पड़ेगा प्रभाव 

यूजीसी अध्यक्ष ने ये भी कहा, कि सीयूईटी का विश्वविद्यालयों की आरक्षण नीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने ये भी कहा, कि CUET के बाद किसी भी केंद्रीय काउंसलिंग (Central Counseling) का आयोजन नहीं होगा।

अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर भी लागू होगा

नए नियम के अनुसार, सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी तथा उनके अधीनस्थ कॉलेजों को सीयूईटी से ग्रेजुएशन (Graduation) और पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम (Post Graduation Program) में अनिवार्य रूप से दाखिले देने हैं। यूजीसी का यह नियम अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर भी लागू होगा। इनमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) और दिल्ली यूनिवर्सिटी का सेंट स्टीफन (St. Stephen) भी शामिल है। जैसे, जामिया मिलिया 50 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक समुदाय (Minority community) के लिए आरक्षित रखता है तो उन्हीं को मिलेगी, लेकिन यहां पर सीट सीयूईटी के मेरिट स्कोर के आधार पर ही आवंटित होगी।

Tags:    

Similar News