Delhi School Initiative: स्कूली बच्चों का तनाव कम करने पर बड़ी पहल, दिल्ली में उठाए जा रहे ये कदम

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Written By :  Garima Shukla
Update:2024-09-08 09:47 IST

Delhi School Initiative: दिल्ली सरकार स्कूली बच्चों की मेन्टल हेल्थ को लेकर काफी सजग है I जिसके चलते सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का तनाव दूर करने के लिए सरकार की तरफ से अनोखी पहल की जा रही है I इस प्रयास के तहत दिल्ली के सभी सरकारी स्कूली बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी ताकि उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके। इसके लिए दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को ब्लू-प्रिंट तैयार करने के निर्देश भी दे दिए हैं। इस स्कूली योजना पर स्कूलों में पिछले एक वर्ष में तेजी से कार्य किया गया है I

20,000 बच्चों पर की जा चुकी है मेंटल काउंसलिंग

काउंसलिंग संबंधी इस योजना पर दिल्ली सरकार के आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले एक वर्ष में पायलट फेज के अंतर्गत 20 स्कूलों के 20,000 से अधिक बच्चों की मेन्टल हेल्थ काउंसलिंग की जा चुकी है । इस कार्यक्रम के तहत मानसिक रोग विशेषज्ञों ने बच्चों की मेन्टल हेल्थ को समझा और उनकी स्थिति का आकलन कर उनकी समस्या और तनाव को दूर किया। उन्हें इस बात के लिए विशेष टिप्स भी दिए कि कैसे बच्चे पढ़ाई में आ रहे स्ट्रेस को दूर कर सकते हैं I इस विषय पर शिक्षा मंत्री ने विशेषज्ञों के साथ विशेष वार्ता की और पायलट फेज के अनुभवों को जाना I

सोशल लर्निंग के जरिये दिए गए हेल्थ टिप्स

बच्चों की मेंटल हेल्थ संबंधी समस्या दूर करने के लिए ग्रुप सेशन और सोशल-इमोशनल लर्निंग के माध्यम से स्टूडेंट्स को सलाह दी कि कैसे तनाव मुक्त रहा जा सकता है। वो शिक्षा ही नहीं बल्कि अपने दैनिक जीवन में कैसे खुद को भावनात्मक रूप से स्वस्थ रख सकते है। चर्चा के दौरान स्कूल मनोरोग विशेषज्ञों ने मंत्री को बताया कि काउंसलिंग की मदद से स्टूडेंट्स की मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कर पाए। उन्हें वापिस उनकी पढ़ाई से जोड़ा जा सकता है।

कम उम्र में ही देखने को मिल रहा बच्चों में तनाव

मानसिक रोग एक्सपर्ट्स के अनुसार कम उम्र में ही विभिन्न कारणों से बच्चों में तनाव देखने को मिलता है। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। जिससे उनकी शिक्षा भी प्रभावित होती है वे उस तरह से बेहतर कार्य नहीं कर पाते जैसे उन्हें करना चाहिए I उनका कहना स्कूली बच्चों मानसिक स्वास्थ्य की लेकर बहुत ज्यादा जागरूकता नहीं है। जिसके चलते समय पर उनको सही उपचार नहीं मिल पाते I बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है जब वो मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हो। पायलट फेज की सफलता के बाद दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में छात्रों की काउंसलिंग की जाएगी।


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