DELHI UNIVERSITY: इस बार अप्रैल के पहले हफ्ते में शुरू होगा दाखिला प्रक्रिया

इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस अप्रैल के पहले हफ्ते में शुरू होगा। एडमिशन प्रॉसेस को स्मूद बनाने के लिए डीयू ने अपनी एडमिशन कमिटी की पहली मीटिंग में तय किया है कि कम से कम कटऑफ लिस्ट लाने की तैयारी की जाएगी।

Update: 2018-01-16 11:28 GMT

नई दिल्ली: इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस अप्रैल के पहले हफ्ते में शुरू होगा। एडमिशन प्रॉसेस को स्मूद बनाने के लिए डीयू ने अपनी एडमिशन कमिटी की पहली मीटिंग में तय किया है कि कम से कम कटऑफ लिस्ट लाने की तैयारी की जाएगी।

साथ ही, अगस्त तक दाखिला प्रक्रिया नहीं खींचा जाएगा। प्रयास रहेगा कि दाखिले को जुलाई में ही खत्म किया जाए। इसके अलावा कमिटी ने तय किया है कि ओबीसी कैटिगरी में लड़कियों को कटऑफ में 2% की छूट मिलेगी, क्योंकि इस कैटिगरी में अप्लाई करने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले बहुत कम है।

इसके साथ ही यूनिवर्सिटी सभी स्टेट बोर्ड को उनकी मॉडरेशन पॉलिसी को लेकर लेटर लिखेगा, जिससे अपनी दाखिला पॉलिसी में उसी हिसाब से सभी बोर्ड के छात्रों को एक प्लैटफॉर्म में लाया जा सके। सीबीएसई इस बार इसे लागू नहीं कर रही है और अधिकतर छात्र सीबीएसई से ही होते हैं।

कम होगी कटऑफ

एडमिशन कमिटी की पहली मीटिंग सोमवार को हुई। इसमें तय किया गया कि इस बार कटऑफ की संख्या कम की जाएगी। कमिटी के चेयरमैन प्रफेसर एम.के. पंडित ने कहा, हम चाहते हैं कि पहले से ही कटऑफ बहुत हाई ना रहे क्योंकि इससे कॉलेजों में शुरुआत में एडमिशन नहीं हो पाते हैं और बाद में उन्हें कई कटऑफ निकालनी पड़ती है।

हर कॉलेज में तैनात होगा नोडल ऑफिसर

प्र. पंडित ने बताया कि एसटी कैटिगरी में भी कम स्टूडेंट्स की दिक्कत है। दरअसल, वो आवेदन ही नहीं करते। रिजर्वेशन 7% है, लेकिन सीटें 4 से 5% ही भरती हैं। इसके लिए भी स्पेशल ड्राइव चलाई जाएगी। नॉर्थ ईस्ट के स्टूडेंट्स के लिए स्पेशल एडमिशन सेल बनाई जाएगी, हर कॉलेज में नोडल ऑफिसर तैनात किया जाएगा।

जारी होगी अडवाइजरी

पर्संस विद डिसएबिलिटी (PwD) छात्रों के लिए डीयू ने गौर किया है कि उनके लिए बनी पॉलिसी को कई कॉलेज लागू नहीं कर रहे हैं, इसलिए सभी कॉलेजों को इसके लिए अडवाइजरी जारी की जाएगी। सभी कॉलेजों के जरूरी होगा कि इन छात्रों के लिए क्लासेज की व्यवस्था ग्राउंड फ्लोर पर हो, रेस्ट रूम भी ग्राउंड फ्लोर पर हों।

ना हो धांधली

खासतौर पर सेंट्रल ऑब्जर्वर्स तैनात होंगे, जो कॉलेजों में जाकर देखेंगे कि रिजर्वेशन की हर पॉलिसी और बाकी सेंट्रल की पॉलिसी लागू हो रही हैं या नहीं। सर्टिफिकेट चेकिंग के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट तैनात होंगे, ताकि सभी कॉलेजों में सर्टिफिकेट को लेकर धांधली ना हो। पिछले साल बस 2-3 कॉलेजों ने इस तकनीक का इस्तेमाल किया था।

एडमिशन एंट्रेंस के आधार पर

सभी पीजी कोर्सेज के लिए कंप्यूटर बेस्ड ऑनलाइन टेस्ट सिस्टम लाया जाएगा। मीटिंग में यह भी प्रपोजल रखा गया है कि 100% एडमिशन एंट्रेंस के आधार पर हों। मगर इस पर डिपार्टमेंट, फैकल्टी से राय लेकर ही फैसला लिया जाएगा। इस साल यूजी में एंट्रेंस टेस्ट नहीं होगा। हालांकि, इस पर विचार करने के लिए एक कमिटी बना दी गई है।

स्कूलों में होगी वर्कशॉप

पिछले साल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 22 अप्रैल से शुरू हुई थी। इस बार डीयू इसे अप्रैल की शुरुआत में लॉन्च करेगा ताकि स्टूडेंट्स को डॉक्युमेंट्स की तैयारी करने का पूरा समय मिल सके। ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम पर डीयू का पूरा फोकस होगा। इस बार डीयू केंद्रीय विद्यालयों और प्राइवेट स्कूलों के लिए वर्कशॉप भी ऑर्गनाइज कराएगी।

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