सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति ने किया सुसाईड, इलाज के दौरान मौत

Update: 2018-10-09 10:47 GMT

कानपुर: छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएम) को पहचान दिलाने वाले पूर्व कुलपति डॉ0 सर्वज्ञ सिंह कटियार ने जहरीला पदार्थ खा कर सुसाईड कर लिया।

बताया जा रहा है कि पूर्व कुलपति कटियार पत्नी के निधन के बाद से खुद को अकेला महसूस कर रहे थे। जिसकी वजह से वो डिप्रेशन में चले गए और सुसाईड कर लिया। डॉ सर्वज्ञ सिंह कटियार बीते 21 दिनों से जिन्दगी मौत के बीच जंग लड़ रहे थे। बीते सोमवार को उन्होंने अस्पताल अंतिम साँस ली ,जब उनके निधन की सूचना हास्पिटल से बाहर निकली तो कानपुर यूनिवर्सिटी शोक के माहौल में डूब गयी।

18 सितम्बर को खाया था जहरीला पदार्थ

स्वरुप नगर में रहने वाले पूर्व कुलपति डॉ सर्वज्ञ सिंह कटियार (87) की पत्नी ईवा मैसी का दो वर्ष पूर्व निधन हो गया था। डॉ कटियार के एक भी बच्चे नहीं हैं,पत्नी के निधन के बाद वो खुद को अकेला महसूस कर रहे थे। जिसकी वजह से वे डिप्रेशन में चले गए। और उन्होंने फिर यक कदम उठा लिया। बता दें कि पूर्व कुलपति ने बीते 18 सितम्बर को जहरीला पदार्थ खाया था ,जब उनकी तबियत बिगड़ी तो छोटे भाई रघुवीर सिंह कटियार और भतीजे ने उन्हें रीजेंसी हास्पिटल में भर्ती कराया था। तब से वहां उनका इलाज चल रहा था।

मुलायम सिंह यादव के करीबी व पदम् विभूषण पद से सम्मानित थे पूर्व कुलपति

वे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी भी थे। कानपुर यूनिवर्सिटी को नया मुकाम दिलाने के लिए उसे भव्य बनाने के लिए आगे आये थे। उनकी देखरेख में पूरी यूनिवर्सिटी का भव्य तरह से निर्माण में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए वर्ष 2009 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने प्रो. सर्वज्ञ सिंह कटियार को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था। डॉ. कटियार 1994 से लेकर 2007 तक कुलपति रहे। उन्हें वर्ष 2003 में पद्मश्री और 2009 में पद्म विभूषण मिला था। इसके अलावा उन्हें विज्ञान गौरव पुरस्कार भी मिल चुका है|

डॉक्टरों का कहना है कि शरीर में जहर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से शरीर के कई अंगों ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया था।सोमवार रात डॉ कटियार की मौत के बाद जब मंगलवार सुबह अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी तो पूरा मामला सामने आया। डॉ कटियार की मौत की सूचना फैलते ही समूचे शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कानपुर विश्वविद्यालय में शोक सभा का आयोजन किया गया। पोस्टमार्टम के बाद आज शाम करीब 5 बजे उनकी अंत्येष्टि होगी।

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