नए सिस्टम का प्रभाव: संस्थानों में MBBS की 50% सीटें खाली

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल से मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए एक नए सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग सिस्टम अपनाने का आदेश दिया था। इस सिस्टम के प्रभाव में आने से देश की डीम्ड यूनिवर्सिटियों और प्राइवेट कॉलेज पर बहुत असर पड़ा है। बड़ी संख्या में उनको अंडर ग्रैजुएट (यूजी) मेडिकल सीटें खाली रहने की आशंका है।

Update: 2017-08-25 07:04 GMT

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने इस साल से मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए एक नए सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग सिस्टम अपनाने का आदेश दिया था। इस सिस्टम के प्रभाव में आने से देश की डीम्ड यूनिवर्सिटियों और प्राइवेट कॉलेज पर बहुत असर पड़ा है। बड़ी संख्या में उनको अंडर ग्रैजुएट (यूजी) मेडिकल सीटें खाली रहने की आशंका है।

गुरुवार को काउंसिलिंग का तीसरा चरण समाप्त होने के बाद संस्थानों में एमबीबीएस की 50 फीसदी सीटें और बीडीएस की करीब 85 प्रतिशत सीटें खाली हैं।

एडमिशन 31 अगस्त को खत्म

एडमिशन प्रॉसेस 31 अगस्त को खत्म हो जाएगा। संस्थानों को आशंका है कि सीटें बड़ी संख्या में खाली रह जाएगी। नए नियम के अनुसार इन यूनिवर्सिटियों को अपने आप से छात्रों को दाखिला देने की अनुमति नहीं है।

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खाली सीटों को भरने का मौका

सूत्रों के मुताबिक, सरकारी कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा की 15 प्रतिशत सीटें अब तक खाली रह गई हैं। लेकिन इनका मामला डीम्ड यूनिवर्सिटियों और प्राइवेट कॉलेजों जैसा नहीं है। इन सरकारी संस्थानों की सीटें राज्यों को ट्रांसफर कर दी जाएगीं। जिससे उनको खाली सीटों को भरने का अवसर मिल जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि काउंसिलिंग का आयोजन कर रहे डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) इस बात के लिए कानूनी सलाह लेगा कि इन खाली सीटों के संकट का समाधान कैसे किया जाए।

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