अगर टॉप-500 इंस्टीट्यूट्स से की है PhD, तो NET की जरूरत नहीं
अगर आपने दुनिया के टॉप 500 उच्च शिक्षा संस्थान से पीएचडी की है, तो असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी या सीएसआईआर की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्योंकि कैंडिडेट्स पीएचडी के आधार पर इस पद के योग्य हो जाएंगे।
नई दिल्ली: अगर आपने दुनिया के टॉप 500 उच्च शिक्षा संस्थान से पीएचडी की है, तो असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी या सीएसआईआर की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पास करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्योंकि कैंडिडेट्स पीएचडी के आधार पर इस पद के योग्य हो जाएंगे।
उच्च शिक्षा संस्थानो ंमें शिक्षकों और गैर शैक्षणिक स्टाफ की भर्ती के लिए यूजीसी योग्यता से संबंधित नियम बना रहा है। इस नियम में यह प्रावधान किया गया है।
इनको मिलेगा लाभ
यूजीसी के मसौदा नियमों के मुताबिक, यह नियम कला, वाणिज्य, मानविकीय, शिक्षा, विधि, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, भाषा, पुस्तकालय विज्ञान, पत्रकारिता एवं जनसंचार संकाय में सहायक प्राध्यापक की सीधी भर्ती में लागू होगा। दुनिया के प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जैसे एजुकेशनल रैंकिंग और एकेडमिक रैंकिंग ऑफ वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज में कभी भी शीर्ष 500 में स्थान हासिल करने वाले किसी भी इंस्टीट्यूट से पीएचडी करने वाले कैंडिडेट्स को यह लाभ मिलेगा।
वर्तमान नियमों के अनुसार, किसी भी संस्थान से पीएचडी करने वाले कैंडिडेट्स को भारतीय विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में बतौर शिक्षक पढ़ाने के लिए यूजीसी या सीएसआईआर की पात्रता परीक्षा पास करनी पड़ती है। यूजीसी इन मसौदा नियमों पर संबंधित पक्षों से चर्चा करेगा। यदि इसमें कोई बड़े बदलाव नहीं हुए, तो नए एकैडमिक सेशन से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा।
ये हैं भारतीय संस्थान
रैंकिंग
वर्ष 2018 की रैंकिंग में सिर्फ भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), बेंगलुरु और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मुंबई को ही टॉप-500 में जगह मिली है। पिछले साल आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर और आईआईटी मद्रास भी टॉप 500 में शामिल थे।
क्यूएस रैंकिंग
साल 2018 की क्यूएस रैंकिंग में टॉप-500 में भारत के 8 उच्च शिक्षा संस्थानों को स्थान मिला। इसमें आईआईएससी-बेंगलुरु, आईआईटी-मुंबई, आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-मद्रास, आईआईटी-खड़गपुर, आईआईटी-रूड़की और दिल्ली-विश्वविद्यालय सम्मिलित है। पिछले साल इसमें आईआईटी-गुवाहाटी भी शामिल था।