अपने PhD स्टूडेंट्स को बतौर फैकल्टी मेंबर नियुक्त नहीं करेगा IIT रुड़की

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रूड़की से Ph.D कर रहे छात्रों का कोर्स खत्म होने के बाद अपने यहां बतौर शिक्षक नहीं रखेगा। आईआईटी रूड़की के डॉयरेक्‍टर अजीत कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि 'हम अपने खुद के Ph.D स्टूडेंट्स को बतौर शिक्षक रखने को तैयार नहीं हैं। बजाए हम देश और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को रखना पसंद करेंगे।'

Update: 2017-03-26 14:46 GMT

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की से Ph.D कर रहे छात्रों का कोर्स खत्म होने के बाद अपने यहां बतौर फैकल्टी मेंबर के लिए नियुक्त नहीं करेगा।

आईआईटी रुड़की के डॉयरेक्‍टर अजीत कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि 'हम अपने खुद के Ph.D स्टूडेंट्स को बतौर शिक्षक रखने को तैयार नहीं हैं। बजाए हम देश और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को रखना पसंद करेंगे।'

आईआईटी रुड़की के डॉयरेक्‍टर का क्या कहना है ?

-अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि यहां से पढ़ाई करने वाले छात्रों के दिमाग में नए विचार नहीं आएंगे और जिससे उनका दायरा नहीं बढ़ेगा।

-इस तरह के व्यक्ति को सहयोग करने के लिए वरिष्ठ साथी और शिक्षक भी होंगे।

-इस कारण उनके अंदर अपनी खुद के नए विचार विकसित नहीं हो पाएंगे।

-चतुर्वेदी का कहना है कि आईआईटी में विदेशी शिक्षक भी हैं, लेकिन सरकारी नियमों के कारण उनकी संख्या कम है।

-फिलहाल, आईआईटी अपने यहां से पढ़ाई करने वाले बीटेक छात्रों को पीएचडी करने का अवसर दे रहा रहा हैं।

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