KGMU: 20 सालों से फेल हो रहे MBBS के छात्र अब ऐसे होंगे पास, दो छात्रों के तो बच्चे भी बन गए डॉक्टर

KGMU Fail Students Pass MBBS: केजीएमयू में 20 से ज्यादा एमबीबीएस छात्र वर्षों से फेल हो रहे हैं। इनमें से एक छात्र 1994 का, तो दूसरा छात्र 1997 बैच का है। बाकी सारे छात्र 2000 से 2013 बैच के हैं।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Shivani
Update:2021-08-07 08:08 IST

KGMU : लखनऊ राजधानी के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में 46वीं कार्य परिषद की बैठक में अहम निर्णय लिए गए। इसमें से ही एक फैसला उन छात्रों के लिए भी लिया गया, जो 20 वर्षों से भी ज्यादा समय से एमबीबीएस की परीक्षा (MBBS Exam) में फेल (MBBS Fail) हुए जा रहे हैं। गुरुवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में इन छात्रों के लिए निर्णय लिया गया है कि 'अब इन्हें पास किया जाएगा और इनके लिए अलग से कक्षाएं संचालित होंगी।' इससे इन छात्रों को परीक्षा में आने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी और एमबीबीएस छात्र पास हो सकेंगे।

20 साल से अधिक समय से हो रहे फेल(Fail MBBS Students)

बता दें कि केजीएमयू में 20 से ज्यादा एमबीबीएस छात्र वर्षों से फेल हो रहे हैं। इनमें से एक छात्र 1994 का, तो दूसरा छात्र 1997 बैच का है। बाकी सारे छात्र 2000 से 2013 बैच के हैं। ये छात्र सर्जरी, ऑब्स एंड गायनी और पीडियाट्रिक विषय में बार-बार फेल होते हैं। अब हालत यह है कि कई बैच आकर चले गए, मग़र ये छात्र अभी तक विश्विद्यालय के कैम्पस में ही है। यानि, अभी तक परीक्षा पास नहीं कर सके। कई बार शिक्षकों पर जानबूझकर कम अंक देने के आरोप लगे। पीड़ित छात्रों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री और आयोग तक से गुहार लगाई। पर समस्या जस की तस बनी हुई है।

छात्रों को पास कराने के लिए बनाई गई थी कमेटी

(How To Pass MBBS)- लंबे समय से फेल हो रहे छात्रों को पास कराने के लिए संस्थान प्रशासन ने एक कमेटी बनाई थी, जिसका काम इन छात्रों की समस्याओं को जानना था। कमेटी ने एमबीबीएस में फेल होने वाले छात्रों का मूल्यांकन (MBBS Exam Pass In Two Attempt) किया। कमेटी ने काउंसलिंग और अतिरिक्त क्लास की सिफारिश की। जिसे गुरुवार को मंजूरी प्रदान की गई।


15 व 17 साल में पूरा किया एमबीबीएस

लगातार फेल हो रहे छात्रों से विश्वविद्यालय की छवि को भी धक्का लग रहा है। हालत यह है कि एक छात्र ने जब 15 साल में एमबीबीएस की परीक्षा पास किया, तब तक उसका बेटा डॉक्टर बन चुका था। उसी तरह, वर्ष 2019 में 17 साल बाद पास होने वाले छात्र की बेटी भी बीडीएस कर चुकी हैं। इस मुद्दे पर केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि 'लगातार फेल हो रहे छात्रों के लिए अलग से कक्षाएं लगाई जाएंगी।'

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