ये है UPTET से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट, जानें कौन परीक्षा में होगा शामिल और कौन बाहर?
लखनऊ: यूपी टीईटी के एग्जाम से जुड़ी एक बड़ी खबर है। 18 नवंबर को होने जा रही शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) से तकरीबन 30 हजार बीएड डिग्रीधारी बाहर हो गए हैं। 2013-14 सत्र के इन बीएड डिग्रीधारियों ने ऑनलाइन आवेदन तो कर दिया है लेकिन अंकपत्र नहीं होने के कारण परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे।
इसलिए तीस हजार बीएड डिग्रीधारी नहीं दे सकेंगे परीक्षा
ये मामला बीएड सत्र 2013-14 से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में बीएड कॉलेजों में सत्र नियमित करने के उद्देश्य से प्रवेश की अंतिम तिथि 16 जुलाई तय की थी लेकिन सीटें खाली रहने पर तत्कालीन सरकार ने प्रवेश की आखिरी तारीख 16 अक्तूबर तक बढ़ा दी। इस पर बीएड कॉलेजों ने प्रवेश ले लिए। अकेले चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से जुड़े कॉलेजों में ऐसे 15 हजार छात्र हैं। पूरे प्रदेश में यह संख्या 30 हजार बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक माना जा रहा है कि ये अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे पायेंगे। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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बाद में किसी ने 16 जुलाई 2013 के बाद हुए प्रवेश अवैध घोषित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने परीक्षा कराते हुए रिजल्ट रोकने के आदेश दिए। तब से यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है। इन बीएड डिग्रीधारियों की लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा तो हो चुकी है लेकिन रिजल्ट नहीं जारी हुआ है। लिहाजा इन अभ्यर्थियों ने अपीयरिंग करके ऑनलाइन आवेदन कर दिया लेकिन रिजल्ट की मूल प्रति या इंटरनेट से प्राप्त कॉपी नहीं होने के कारण परीक्षा नहीं दे सकेंगे।
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 29 जून 2018 को बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्तर में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद बड़ी संख्या में बीएड डिग्रीधारियों ने प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए आवेदन किया है।
परीक्षा में बरतें ये विशेष सावधानियां
इस परीक्षा से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण जानकारी ये है कि एग्जाम में सफेदा(व्हाइटनर) लगाया तो उत्तर पत्रक के रूप में मिली ओएमआर शीट नहीं जांची जाएगी।
यानि सफेदा लगाने की एक गलती पूरी मेहनत पर पानी फेर देगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी की ओर से जारी निर्देश में लिखा है कि ओएमआर शीट पर अशुद्ध लिखने के बाद सफेदा (करेक्टिव फ्लुइड या व्हाइटनर) का प्रयोग कभी न करें। ऐसा होने पर ओएमआर शीट निरस्त कर दी जाएगी। ताकि किसी प्रकार का विवाद न होने पाए।
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यदि कोई परीक्षार्थी सादी ओएमआर शीट (उत्तर पत्रक) जमा करता है तो कक्ष निरीक्षक उस पर अभ्यर्थी से ही क्रास (कटवा) देगा, क्योंकि उसका मूल्यांकन नहीं होगा। उत्तर पत्रक पर दिए गए स्थान पर पेन से हल किए गए प्रश्नों की संख्या शब्दों एवं अंकों में लिखना आवश्यक है। प्रश्न पुस्तिका एवं उत्तर पत्रक की कार्बन प्रति की एक कॉपी अभ्यर्थी परीक्षा के बाद अपने साथ ले जा सकेंगे। टीईटी-18 के लिए 2070 केंद्र बनाए गए हैं।
बाथरूम के पास एक से अधिक परीक्षार्थी को इकट्ठा नहीं होने दिया जाएगा
परीक्षा के दौरान बाथरूम के पास एक से अधिक परीक्षार्थी को इकट्ठा नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए अलग से गार्ड की व्यवस्था की जाएगी। परीक्षार्थी को एक-एक करके वॉशरूम जाने की अनुमति सामान्यत: दी जाएगी। ऐसी स्थिति में एक कक्ष निरीक्षक उसकी निगरानी करता रहेगा ताकि वह किसी प्रकार अनुचित साधन प्रयोग न कर सके या केंद्र परिसर से बाहर न चला जाए।
बीएड विशेष शिक्षा को हिन्दी टीईटी में बैठने की हाईकोर्ट ने दी अनुमति
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुनर्वास परिषद एनसीटीई से मान्य बीएचयू वाराणसी द्वारा जारी बीएड विशेष शिक्षा डिग्री धारकों को उप्र टीईटी परीक्षा 2018 में प्राविधिक रूप में शामिल होने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। किन्तु कहा है कि परीक्षा में बैठने मात्र से याचियों को कोई अधिकार नहीं मिल सकेगा।
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कोर्ट ने राज्य सरकार व एनसीटीई से 4 हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल तथा न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की खंडपीठ ने विजय श्याम पाल व 90 अन्य लोगों की याचिका पर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने आशुतोष कुमार सिंह केस में दिए गए अन्तरिम आदेश के आधार पर याचियों को भी समानता के कारण उसका लाभ पाने का हकदार माना है। याचिका में एनसीटीई के 28 जून 2018 की अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गई है।