LU PGET 2021: लखनऊ विश्वविद्यालय पीजी एंट्रेंस एग्जाम का डेट जारी, लेकिन सिलेबस को लेकर मचा घमासान
लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी की प्रवेश परीक्षा 6 सितंबर से शुरू होने वाली है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसका कार्यक्रम घोषित किया जा चुका है, लेकिन अब प्रवेश परीक्षा के सिलेबस को लेकर घमासान मचा हुआ है।
Lucknow University News: लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी की प्रवेश परीक्षा 6 सितंबर से शुरू होने वाली है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसका कार्यक्रम घोषित किया जा चुका है, लेकिन अब प्रवेश परीक्षा के सिलेबस को लेकर घमासान मचा हुआ है। दरसअल अभी तक एलयू प्रशासन ने पीजी प्रवेश परीक्षा का सिलेब्स घोषित नहीं किया है।
ऐसे में छात्रों के सामने ये समस्या खड़ी हो गई है कि प्रवेश परीक्षा में प्रश्न कहां से पूछा जाएगा, जिसको लेकर अब छात्र में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं अब छात्र सवाल खड़े कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर बकायदा मांग उठाई जाने लगी है। एनएसयूआई की तरफ से ट्वीट करके जल्द से जल्द सिलेबस के संबंध में विश्वविद्यालय की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई।
उधर, सोशल मीडिया पर भी इस मांग के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से स्थिति को स्पष्ट किया गया है कि विश्वविद्यालय के प्रवेश संबंध में प्रोफेसर पंकज माथुर ने बताया कि पीजी प्रवेश परीक्षा में लखनऊ विश्वविद्यालय के यूजी स्तर पर पढ़ाई गए संबंधित विषय के पूरे सिलेबस से सवाल पूछे जाएंगे, उसके हिसाब से ही छात्र अपनी तैयारी करें। लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक एडमिशन की होड़ मची हुई है। इसी का नतीजा है कि करीब 4200 सीटों के लिए 24 हजार से ज्यादा आवेदन हुए है और हर अभ्यर्थी एडमिशन लेना चाहता है। इसलिए अब सिलेब्स की मांग कर रहे हैं।
100 सवाल के लिए मिलेंगे 90 मिनट
लखनऊ विश्वविद्यालय की सत्र 2021-22 की परास्नातक प्रवेश परीक्षा (PGET) का अनंतिम (tentative) कार्यक्रम जारी कर दिया है। प्रवेश परीक्षा 6 सितम्बर 2021 से ऑफलाइन कराई जाएगी। इस बार एग्जाम में 100 सवाल होंगें। जिसके लिए छात्रों को 90 मिनट का समय मिलेगा। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का होगा और प्रवेश परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। पीजी की प्रवेश परीक्षाएं 13 सितंबर तक कराई जाएगी। दाखिले के लिए करीब 1 सप्ताह के बाद यानी 20 सितंबर से काउंसलिंग शुरू करने का अनुमान है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 14 ऐसे पाठ्यक्रम है जिनमें दाखिले के लिए सीट के सापेक्ष कम आवेदन आए हैं। ऐसे में इन पाठ्यक्रमों में बिना प्रवेश परीक्षा के ही दाखिले लिए जाएंगे और जल्द ही इनकी कॉउंसलिंग कराई जाएगी ताकि जल्द से जल्द पढ़ाई शुरू हो सके।