फॉरेन लैंग्वेज में जॉब की अपार संभावनायें, बना सकते हैं बेहतर करियर

Update:2018-09-28 16:52 IST

लखनऊ: इ्ंटरमीडिएट के बाद छात्र आगे की पढ़ाई करने के लिए किस क्षेत्र को चुनें इसका निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करते हैं। जबकि सबको यह पता है कि इसके बाद से ही व्यक्ति के करियर की शुरूआत होती है। हिन्दी अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त छात्र विदेशी भाषाओं का भी अध्ययन करके एक अच्छा और बेहतर भविष्य बना सकते हैं। आज newstrack.com आपको विदेश में नौकरी करने के एक शानदार अवसर के बारे में बताने जा रहा है। फॉरन लैंग्वेज का कोर्स करके छात्र अपने करियर को बेहतर बना सकता है।

कोर्स करने के बाद इन क्षेत्रों में बना सकते हैं बेहतर भविष्य

टीचर: फॉरेज लैंग्वेज में करियर संवारना हो, तो टीचिंग एक बेहतरीन जॉब ऑप्शन हो सकता है। इसके लिए पीएचडी के साथ नेट क्वालिफाई करना होगा। कई इंस्टीट्यूट फॉरन लैंग्वेज में कोर्स कराते हैं, जहां आप टीचर के रूप में अच्छी कमाई कर सकते हैं। आप चाहें, तो टीचिंग को पार्ट-टाइम प्रफेशन के तौर पर भी अपना सकते हैं।

इंटरप्रेटर (दुभाषिया): टेलिकॉन्फ्रेंसिंग व वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग जैसी टेक्नॉलजी के आने से अब दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ मीटिंग या कॉन्फ्रेंस की जा सकती है। इसके लिए फॉरन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की मदद ली जाती है, जो इंटरप्रेटर यानी दुभाषिए का काम करते हैं। इंटरप्रेटर बनने के लिए आपको दो या इससे अधिक भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए। इसमें भाषाओं के अच्छे ज्ञान के अलावा वर्बल कम्युनिकेशन स्किल्स और एटिकेट्स भी अच्छे होना चाहिए।

ट्रांसलेटर (अनुवादक): कई कंपनियों को अपने बिजनस पार्टनर्स या क्लाइंट्स से कम्युनिकेट करने के लिए ट्रांसलेटर्स की जरूरत होती है। आप रेग्युलर, फुल टाइम या पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर काम कर सकते हैं। कई एजेंसीज फॉरन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स को ट्रांसलेटर के रूप में हायर करती हैं। ट्रांसलेशन किताबों, लेख, फिल्म स्क्रिप्ट आदि के लिए हो सकता है। एक अच्छे ट्रांसलेटर को भाषाओं के अलावा संबंधित विषय की भी जानकारी होना जरूरी है, तभी मूल भाषा का भाव नई भाषा में भी बनाए रख सकता है।

फॉरन सर्विसेज: फ्रैंच, जर्मन या रशियन लैंग्वेज में मास्टर्स करने वाले संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होकर आईएएस या आईएफएस में जा सकते हैं।

यहां मिल सकते हैं नौकरी के अवसर

विश्व व्यापार संगठन, संयुक्त राष्ट्र संगठन, विश्व बैंक यूनिसेफ, अंतरराष्ट्रीय संगठन, एयरलाइन्स, पर्यटन, होटल, इंटरनैशनल मीडिया हाउस (प्रिंट, रेडियो, टी.वी) में न्यूज ट्रांसलेटर या बतौर रिपोर्टर करियर बना सकते हैं।

इसके अलावा देश की बड़ी कंपिनियां जैसे एच.पी, ऑरेकल, सैमसंग, हुंडई, एलजी, थॉमसन, जीई, एवेंटिस, आदि विदेशी भाषा के विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं। यात्रा और पर्यटन क्षेत्र, होटल उद्योग, प्रदर्शनियों और मेलों, एयरलाइन कार्यालयों, निर्यात एजेंसियों, रेडियो स्टेशनों, व्यापार संगठनों को विदेशी भाषा के विशेषज्ञों के लिए रोजगार के अवसर मौजूद रहते हैं|

सैलरी

उपर्युक्त जगहों पर काम करके मोटी कमाई कर सकते हैं इसके साथ ही विदेश भी जाने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। टीचिंग के क्षेत्र में बीस हजार से साठ हजार रुपये महीने तक की सैलरी पा सकते हैं। एक अच्छा इंटरप्रिटेटर 8000 रुपये प्रति घंटे तक कमा सकता है।

ऐसे कर सकते हैं पढ़ाई

फॉरन लैंग्वेज में डिग्री, सर्टिफिकेट व डिप्लोमा व एडवांस्ड डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं। इनके लिए योग्यता इंटरमीडिएट या समकक्ष होती है। बता दें कि कोई जरूरी नहीं है कि इंटरमीडिएट के बाद ही छात्र यह कोर्स कर सकते हैं। इंटर के बाद भी कभी भी छात्र ये कोर्स कर सकते हैं।

कोर्स अवधि: सर्टिफिकेट की अवधि 6 महीने से एक साल, डिप्लोमा 1-2 साल व ग्रैजुएशन के लिए 3 साल व पीजी के लिए 2 साल की अवधि निर्धारित है।

कोर्स करने के संस्थान

लखनऊ यूनिवर्सिटी, लखनऊ (सर्टिफिकेट व डिप्लोमा प्रोग्राम)

द इंग्लिश एंड फॉरन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी, लखनऊ (ग्रैजुएशन, पीजी, डिप्लोमा)

अलीगढ़ विश्वविद्यालय, अलीगढ़, एलियांस फ्रेंचाइस, नई दिल्ली (डिग्री व डिप्लोमा प्रोग्राम)

बाबा साहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विवि, औरंगाबाद (डिप्लोमा प्रोग्राम)

पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला (डिप्लोमा व सर्टिफिकेट प्रोग्राम)

उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर (डिप्लोमा प्रोग्राम)

जैपेनीज कल्चर एंड इंफर्मेशन सेंटर, एम्बेसी ऑफ जापान, नई दिल्ली (डिप्लोमा प्रोग्राम)

दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली (सर्टिफिकेट प्रोग्राम)

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