रेलवे इंजीनियरिंग में बनाएं शानदार करियर
इस युनिवर्सिटी ने सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्यूनिकेशन और कम्प्यूटर जैसी इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स से जुड़े मिक्स कंटेंट के आधार पर एक विशेष कोर्स के रूप में रेल ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग नामक चार वर्षीय कोर्स तैयार किया है।
लखनऊ: इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद छात्र बहुत परेशान रहते हैं कि आगे क्या किया जाये, किसी से पूछने पर अधिकतर लोग इंजीनियरिंग, डॉक्टर आदि जैसे कोर्स की सलाह ही देते हैं। लेकिन आपके पास इससे भी अच्छे विकल्प मौज़ूद है। जो छात्र 12वीं के बाद इंजीनियरिंग करने के लिए सोच रहे हैं। उनके लिए रेलवे में करियर के विकल्प खुले हैं। आइये आज हम आपको बताते हैं—
आप एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं या ग्रेजुएशन कर रहे हैं तो आप रेलवे में भी डायनैमिक कॅरिअर की शुरुआत कर सकते हैं। आमतौर पर देखा गया है कि इंजीनियर्स इस क्षेत्र को कॅरिअर के तौर पर देखते ही नहीं हैं, लेकिन यदि आप एक सरकारी जॉब की तलाश में हैं तो रेलवे में निकलने वाली इंजीनियर्स की जॉब्स आपको यहां तक पहुंचा सकती हैं।
छात्र अपने एकेडमिक परफॉर्मेंस और प्रवेश परीक्षा की रैंक के आधार पर यहां जगह बना सकते हैं। इसके लिए आप मोटे तौर पर दो रास्तों में से किसी एक को चुन सकते हैं। पहला है इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस और दूसरा है रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी)। इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस को आप जहां इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम के जरिए ग्रुप ए (गजेटेड) ऑफिसर के तौर पर जॉइन कर सकते हैं, वहीं रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड में आप प्रवेश परीक्षा देकर ग्रुप सी (नॉन-गजेटेड) ऑफिसर के तौर पर कॅरिअर की शुरुआत कर सकते हैं।
क्या होता है काम?
रेलवे इंजीनियर्स ब्रिज कंस्ट्रक्शन, ट्रैक डेवलपमेंट, सिग्नल, इंटरलॉकिंग, फिटिंग्स सहित विभिन्न प्रमुख कार्यों की प्लानिंग, मॉनिटरिंग आदि काम करते हैं। इसके साथ ही एक रेलवे इंजीनियर के रूप में एक उम्मीदवार के लिए बहुत-से अन्य काम भी होते हैं, जिनमें नए इंजन और कैरिज तैयार करना, स्टेशन डेवलपमेंट, सवारी गाडियों की नियमित देखरेख और उनके रखरखाव के साथ ही रिपोर्ट्स तैयार करना और रिकॉर्ड्स का रखरखाव करना जैसे काम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नई व आधुनिक तकनीक तैयार करने की दिशा में काम करना भी रेलवे इंजीनियरिंग का ही एक प्रमुख हिस्सा है।
शैक्षणिक योग्यता
इस स्ट्रीम में ग्रेजुएशन करने के लिए साइंस में बारहवीं कक्षा पास होना आवश्यक है। कई यूनिवर्सिटीज अपने यहां एडमिशन के लिए बारहवीं में न्यूनतम 60% अंक होने की शर्त भी रखती हैं। साथ ही जेईई प्रवेश
परीक्षा पास होना भी आवश्यक है।
रेलवे में कॅरियर के अवसर
सीनियर सेक्शन इंजीनियर
एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर, परमानेंट वे डेवलपमेंट, सिग्नल सिस्टम, वैगन व्हील आदि तैयार करने की दिशा में काम करता है। इस पद को सृजित करने के लिए विभिन्न रेलवे बोर्ड्स अलग-अलग या संयुक्त रूप से परीक्षा का आयोजन करते हैं।
ट्रेन लाइट इंजीनियर
यह पद रेलवे इंजीनियरिंग हैड के अंतर्गत ट्रेन के लाइट डेवलपमेंट और देखरेख पर आधारित होता है।
ट्रस इंजीनियर
इस पद पर रहते हुए एक रेलवे इंजीनियर, स्टेशन डेवलपमेंट, ब्रिज कंस्ट्रक्शन जैसे कार्य संपादित करता है। इस जॉब में हैवी के साथ ही स्मार्टजॉब परिस्थितियां भी शामिल होती हैं।
सर्वेयर
यह जॉब पूरी तरह से सर्वे पर आधारित होता है। एक सर्वे इंजीनियर को अन्य समकक्ष जॉब्स की तुलना में अधिक भुगतान व सुविधाएं दी जाती हैं।
जूनियर इंजीनियर
रेलवे के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्थाई रास्ते का निर्माण, सिग्नल और इंटरलॉकिंग सहित सभी सामान्य कार्यों में जूनियर इंजीनियर्स की आवश्यकता होती है।
क्वालिटी कंट्रोलर
इस जॉब रोल में काम करने के दौरान एक रेलवे इंजीनियर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करते हुए सिग्नलिंग सिस्टम्स में आने वाले उतार-चढ़ावों और समस्याओं का पता लगाता है।
कहां से करें रेलवे इंजीनियरिंग?
रेलवे इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के लिए आप देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में उपलब्ध इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय-इंदौर,
सर पदमपत सिंघानिया यूनिवर्सिटी- उदयपुर,
इंस्टीट्यूट ऑफ मेट्रो एंड रेल टेक्नोलॉजी- तेलंगाना,
इंस्टीट्यूट ऑफ परमानेंट वे इंजीनियर्स-नई दिल्ली
सर पदमपत सिंघानिया यूनिवर्सिटी
इस युनिवर्सिटी ने सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्यूनिकेशन और कम्प्यूटर जैसी इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स से जुड़े मिक्स कंटेंट के आधार पर एक विशेष कोर्स के रूप में रेल ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग नामक चार वर्षीय कोर्स तैयार किया है। इसके अलावा कुछ कॉलेज इस स्ट्रीम में डिप्लोमा इंजीनियरिंग कार्यक्रम भी संचालित करते हैं।