इंटरमीडिएट के बाद एग्रीकल्चर क्षेत्र में बनायें करियर, जानें आवश्यक बातें

Update:2018-08-16 10:20 IST

लखनऊ: इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद छात्र बहुत परेशान रहते हैं कि आगे क्या किया जाये, किसी से पूछने पर अधिकतर लोग इंजीनियरिंग, डॉक्टर आदि जैसे कोर्स की सलाह ही देते हैं। लेकिन आपके पास इससे भी अच्छे विकल्प मौज़ूद है। आज हम आपको इन कोर्सों के अतिरिक्त एक ऐसा कोर्स बताते हैं जिसे ​करने से करियर की अच्छी शुरूआत होती है।

भारत में कृषि प्रधान देश है। कृषि हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। आज भी भारत की लगभग आधी से ज्यादा आबादी कृषि से जुड़ी हुई है इसी कारण आज भी भारत, एग्रीकल्चर के क्षेत्र में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है। एग्रीकल्चर का मतलब सिर्फ किसान बनना नहीं होता है।

एग्रीकल्चर क्या है ?

एग्रीकल्चर या कृषि के अंतर्गत फसल उत्पादन, पशुपालन और डेयरी विज्ञान, कृषि रसायन और मृदा विज्ञान, बागवानी, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि इंजीनियरिंग, वनस्पति विज्ञान, प्लांट पैथोलॉजी, विस्तार शिक्षा और कीटनाशक शामिल हैं। ये कोर्सेज भी अब अपना अलग-अलग शाखाओं में विस्तार कर रहे हैं। पूरे देश में कई कृषि विश्वविद्यालय स्थापित हैं।

पारंपरिक खेती या Conventional Agriculture

“परंपरागत कृषि, प्रमुख खेती प्रथाओं और एक विशेष क्षेत्र में किसान द्वारा अनुकूलित फसल उत्पादन की व्यवस्था को कहते हैं।” जैसे की पहाड़ी वाले क्षेत्र में किस प्रकार की खेती होनी चाहिए या काम पानी वाले क्षेत्र में किस प्रकार की।

एग्रीकल्चर कोर्स

एग्रीकल्चर कोर्स के द्वारा विभिन्न प्रकार के करियर के लिए छात्रों को तैयार किया जाता है, जिसमें पशुपालन, खेती, कृषि विज्ञान या बागवानी प्रबंधन शामिल हैं।एग्रीकल्चर कोर्स डिप्लोमा, स्नातक और परा-स्नातक डिग्री शामिल हैं। इन कोर्स में छात्रों को कृषि और बागवानी की मूल बातें सीखते हैं साथ ही साथ ‘एग्रीकल्चर का व्यवसाय कैसे चलाना है’ आदि ये सब सिखाते हैं। सामान्य कृषि वर्गों में छात्र आम तौर पर क्या सीखते हैं इसका विवरण प्राप्त करने के लिए पढ़ें।

एग्रीकल्चर कोर्स में सिखाए जाने वाले कुछ सामान्य गुण:

कृषि व्यवसाय

कृषि विज्ञान

स्थायी कृषि

कृषि शिक्षा

कृषि संसाधन प्रबंधन

एग्रीकल्चर कोर्स एवं योग्यता

एग्रीकल्चर में कैरियर बनाने के लिए कोर्स निम्नवत है –

एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट कोर्स

10वीं या 12वीं के बाद आप एग्रीकल्चरल सर्टिफिकेट प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं। इस कोर्स की अवधि 1-2 साल के बीच की होती है।

सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर साइंस

सर्टिफिकेट इन फ़ूड एंड बेवरीज सर्विस

सर्टिफिकेट इन बायो-फ़र्टिलाइज़र प्रोडक्शन

एग्रीकल्चर डिप्लोमा कोर्स

10 वीं या 12 वीं को पूरा करने के बाद डिप्लोमा किया जा सकता है। इस कोर्स की अवधि आम तौर पर 3 साल होती है। लेकिन, संस्थान और कोर्स प्रकार के आधार पर, यह 1-3 साल के बीच भी कहीं-कहीं हो सकती है।

डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर

डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रैक्टिस

डिप्लोमा इन फ़ूड प्रोसेसिंग

स्नातक कोर्स

बी.ई. या बीटेक कार्यक्रम इंजीनियरिंग डिग्री पाठ्यक्रम हैं। ये शैक्षणिक कार्यक्रम 4 साल लंबा हैं। इसके लिए 10 + 2 उत्तीर्ण (विज्ञान धारा) होना आवश्यक है।

बी.टेक इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग

बी.टेक इन एग्रीकल्चरल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी

बी.टेक इन एग्रीकल्चर एंड डेरी टेक्नोलॉजी

बी.टेक इन एग्रीकल्चरल एंड फ़ूड इंजीनियरिंग

बीएससी बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी), यह कार्यक्रम 3 साल लंबा हैं। इसके लिए 10 + 2 उत्तीर्ण (विज्ञान धारा) उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

बी.एससी इन एग्रीकल्चर

बी.एससी (Honors) इन एग्रीकल्चर

बी.एससी इन क्रॉप साइकोलॉजी

बी.एससी इन डेरी साइंस

बी.एससी इन फिशरीज साइंस

बी.एससी इन प्लांट साइंस

बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन), यह एक स्नातक स्तर के प्रबंधन कार्यक्रम है। इस कोर्स की अवधि 3 साल है। इस कोर्स को करने के लिए 10 + 2 होना आवश्यक है।

बीबीए इन एग्रीकल्चर मैनेजमेंट

परा-स्नातक कोर्स

मास्टर डिग्री, पीजी डिप्लोमा और पीजी प्रमाणपत्र कार्यक्रम पीजी (स्नातकोत्तर) स्तर के पाठ्यक्रम हैं। बैचलर डिग्री कोर्स पूरा करने वाले उम्मीदवार इन पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए पात्र हैं।

एम.एससी इन एग्रीकल्चर

एम.एससी इन बायोलॉजिकल साइंस

एम.एससी इन एग्रीकल्चर बॉटनी

डॉक्टरल कोर्स

पीएचडी एक शोध आधारित डॉक्टरेट कार्यक्रम है। ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने प्रासंगिक पीजी कोर्स पूरा कर लिया है, वे इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए पात्र हैं।

डॉक्टर ऑफ़ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर

डॉक्टर ऑफ़ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी

डॉक्टर ऑफ़ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चरल एंटोमोलॉजी

एग्रीकल्चर में करियर

वर्तमान समय में, प्रशिक्षित पेशेवरों कृषि क्षेत्र के जानकारों की मांग एग्रीकल्चर क्षेत्र में बहुत ज्यादा है। भारत में, एग्रीकल्चर नौकरी के लिए छात्रों के पास पसंदीदा विकल्प के रूप में एग्रीकल्चर साइंस एक है। एग्रीकल्चर से सम्बंधित कोई कोर्स करने के बाद, आप सरकारी और निजी संगठनों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आज एग्रीकल्चर स्नातक उम्मीदवारों के लिए विभिन्न रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।

एग्रीकल्चर क्षेत्र बागवानी, मुर्गी पालन, पौध विज्ञान, मृदा विज्ञान, खाद्य विज्ञान, पशु विज्ञान आदि में नौकरी के अवसर प्रदान करता है। अन्य एग्रीकल्चर क्षेत्रों में आकर्षक रिटर्न देने वाले क्षेत्र में बागवानी, डेयरी और पोल्ट्री फार्मिंग शामिल हैं।

स्वयं के रोजगार के अवसर भी इस क्षेत्र में उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में और कुछ अनुभव के साथ स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, आप कृषि व्यवसाय, कृषि उत्पादों की दुकान, कृषि उद्योग आदि जैसे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

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