लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के लिए इस बार नकल और बेईमानी रोकने के लिए विशेष सावधानी बरती जा रही है। इसके लिए इस बार जिलों के प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर अलग-अलग स्टैटिक मजिस्ट्रेट को लगाया जाएगा। ये स्टैटिक मजिस्ट्रेट प्रत्येक पाली के लिए होंगे। इनका काम कोषागार के डबल लॉक से प्रश्नपत्र को लेकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना होगा।
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सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि स्टैटिक मजिस्ट्रेट के निगरानी में केंद्र व्यवस्थापक, दो कक्ष निरीक्षकों व पर्यवेक्षक के सामने पेपर खुलवाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग भी कराई जाएगी। इसके अलावा परीक्षा में एसटीएफ और विजिलेंस की टीमों को लगाया गया है।
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नवनियुक्त शिक्षक भी ऐसे दे सकेंगे यूपीटीईटी की परीक्षा
68500 भर्ती में चयनित शिक्षकों के दस्तावेज बीएसए कार्यालय में जमा है। जबकि यूपी टीईटी में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण योग्यता का मूल प्रमाण पत्र दिखाना होगा। चयनित प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रमोशन के टीईटी पास की योग्यता चाहिए इसलिए बड़ी तादाद में नवनियुक्त शिक्षकों ने टीईटी का फार्म भरा है। ऐसे में इन अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा देने के विकल्प इस प्रकार है। इस संबंध में लखनऊ बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे अभ्यर्थी बीएसए आॅफिस से अपना मूल कागजात लेकर परीक्षा दे सकते हैं और फिर पुन: उसे जमा करना होगा।
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लापरवाही की जिम्मेदारी केंद्र व्यवस्थापक की होगी
बता दें कि 18 नवंबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। अधिकतर केंद्रों पर होने वाली परीक्षा के लिए पर्यवेक्षक व स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गई है। परीक्षा दो पालियों में होगी तो इसमें सभी पर्यवेक्षक व स्टेटिक मजिस्ट्रेट पूरी तरह से नजर रखेंगे। केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। यदि परीक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आई तो इसकी जिम्मेदारी सीधे केंद्र व्यवस्थापक की होगी।