New Education Policy in University: यूजीसी का फैसला नए सेशन से यूनिवर्सिटी में लागू होगी नई शिक्षा नीति
New Education Policy in University: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आगामी शैक्षणिक सत्र से एनईपी अनिवार्य रूप से लागू हो रही है।
New Education Policy in University: देश के 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आने वाले इंस्टीट्यूशनल सेशन 2023-24 में नया प्रारूप अपनाया जाएगा। नए सेशन में अनिवार्य रूप से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू किया जाएगा। न्यू एजुकेशनल पॉलिसी के नियमों और दिशा निर्देश के तहत स्नातक (Under Graduate)और स्नातकोत्तर प्रोग्राम(Post Graduate) की पढ़ाई कराई जाएगी। यूजी और पीजी की पढ़ाई में मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, फॉरेन यूनिवर्सिटी के साथ डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई और वोकेशनल कोर्स करने का मौका दिया जायेगा।
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि देश के सभी 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में अपकमिंग सेशन से ने एजुकेशनल पॉलिसी आवश्यक रूप से लागू कराई जाएगी। इसी के नियमो के आधार पर स्नातक प्रोग्राम(UG Program) के पहले साल में एडमिशन सीयूईटी यूजी-2023(CUET UG- 2023) के एंट्रेंस में मिले मेरिट स्कोर के आधार पर हो रहा है। इसके अतिरिक्त इसी साल से ही चार वर्ष का डिग्री प्रोग्राम, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट(एक से अधिक विषयों में डिग्री), अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, एक साथ दो डिग्री की पढ़ाई, इंटर्नशिप(Internship), रिसर्च(Research) इन सबके साथ ही स्टूडेंट्स को सामाजिक सरोकार(Social interest), भारतीय परंपरा व संस्कृति से जोड़ने, वोकेशनल कोर्सेस की पढ़ाई और फॉरेन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर डबल व एकल डिग्री भी शुरू करनी होगी।
सभी यूनिवर्सिटी को अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC Academic Bank of Credit)के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा और स्टूडेंट्स को भी इससे संबंधित जानकारी देनी होगी। यूनिवर्सिटी को अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर एबीसी से रिलेटेड सभी इनफॉर्मेशन अपलोड भी करके रखने पड़ेगी। यूजी, पीजी प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को उनकी सुविधा के अनुसार मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की सुविधा के साथ एबीसी की सुविधा भी अनिवार्य रूप से देना होगा। ताकि उनकी डिग्री के कोर्स और नॉलेज में बढ़ोतरी हो पाए।
ऑनलाइन कोर्स भी आवश्यक : स्टूडेंट्स को डिग्री प्रोग्राम में कोर्स, मीडियम सेलेक्ट करने का फ्रीडम रहेगा। इसमें कई ऑप्शन जैसे, डिस्टेंस लर्निंग मोड, ऑनलाइन डिग्री मोड भी शामिल रहेगा। यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन काेर्स में स्टूडेंट्स को कनेक्ट करने के लिए खुद के विकास पर बेहतर काम करना होगा।
स्किल डेवलपमेंट के लिए इंटर्नशिप और रिसर्च प्रोग्राम
यूजी प्रोग्राम के स्टूडेंट्स के लिया आने वाले सेशन से इंटर्नशिप जरूरी होगी। जिसमें स्टूडेंट्स को बुक और मार्केट में डिमांड के आधार पर कौशल विकास(Skill Development) के साथ सीखने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स को ग्राउंड पर जाकर कम्यूनिटी आउटरीच प्रोजेक्ट पर भी काम करना जरूरी रखा जायेगा। इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर सहयोग से इंटर्नशिप प्रोग्राम भी चलाए जा सकते हैं। रिसर्च फील्ड में भी इंटर्नशिप शुरू की जा सकती है। इसमें दो विभाग मिलकर काम कर सकते है। एडवांस रिसर्च सेंटर भी स्टूडेंट्स के लिए खोले जाएंगे। स्ट्रेस कम करने, योग, मेडिटेशन, पर्सनल डेवलेपमेंट आदि पर भी पूरा ध्यान देकर काम किया जायेगा।
यूनिवर्सिटी को वेकैंसी भरने के आदेश
यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को टीचर्स पोस्ट पर खाली रिक्तियों को जल्दी भरने का दिशा निर्देश दिया है। वहीं, प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस प्रोग्राम को लागू कर इस आइडिया के साथ अपने -अपने फील्ड के स्पेशलिस्ट को भी हायर कर सकते है। इस काम के लिए एलुमनी स्टूडेंट्स का सहयोग भी लिया जाएगा।
न्यू एजुकेशनल पॉलिसी के तहत यह है केंद्र
मल्टीपल कोर्स, ह्यूमन वैल्यू (human values), समाज से जुड़कर काम करने का मौका देना, यूजी,पीजी डिग्री प्रोग्राम के स्टूडेंट्स को ऑप्शनल स्टडीज का मौका देना, प्रेजेंट में डिमांड के आधार पर स्किल डेवलपमेंट, सामाजिक और देश के लिए अपने जिम्मेदारियों को समझते हुए सीखना, उसपर अमल करना होगा। ज्यादा से ज्यादा सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत होगी, जिससे स्टूडेंट के पास करियर ऑप्शन अवलेबल हो। स्टूडेंट्स के स्किल, नॉलेज, मेंटल सब तरह से ध्यान देना इसका मुख्य उद्देश्य है।