NCERT Books Controversy : एनसीईआरटी ने कक्षा 10 की किताबों से हटाया पीरियोडिक टेबल और 'लोकतंत्र का पाठ', ये दिया तर्क

NCERT Books Controversy: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने कक्षा 10 की किताबों से 'पीरियोडिक टेबल' और डेमोक्रेसी से जुड़े चैप्टर हटा दिए हैं। NCERT ने इसके पीछे स्टूडेंट्स पर से बोझ हटाने का तर्क दिया है।

Update:2023-06-02 00:37 IST
प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

NCERT Books Controversy : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद यानी NCERT ने 10वीं कक्षा से पीरियोडिक टेबल (Periodic Table) हटाने का फैसला लिया है। NCERT के फैसले पर बवाल मचा गया। बता दें, एनसीईआरटी ने टेक्स्ट बुक से पूरा अध्याय ही हटा दिया है। चैप्टर हटाने के पीछे NCERT ने स्टूडेंट्स पर से बोझ हटाने का तर्क दिया। गौरतलब है कि, इसी साल परिषद ने विज्ञान की किताब से 'थियरी ऑफ इवोल्यूशन' (Theory of Evolution) हटा दिया था। तब भी काफी बवाल मचा था।

इसी वर्ष जब NCERT ने 'थियरी ऑफ इवोल्यूशन' चैप्टर कक्षा 10 से हटाया था, तब किताबों में बदलाव की जानकारी मिली थी। अब एक बार फिर NCERT नए किताबों से कुछ चैप्टर हटा रही है। इसी में पीरियोडिक टेबल वाला चैप्टर भी शामिल है। विज्ञान की किताब से 'एनवायरमेंट सस्टेनेबिलिटी' तथा 'सोर्स ऑफ एनर्जी' के अलावा डेमोक्रेसी पर शामिल चैप्टर को भी कक्षा 10 की पुस्तकों से हटा दिया गया है।

'लोकतंत्र का पाठ' अब नहीं पढ़ सकेंगे

एनसीईआरटी की कक्षा 10वीं की किताबें पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अब 'लोकतंत्र का पाठ' नहीं पढ़ सकेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने कोरोना काल के दौरान हुई पाठ्यक्रम समीक्षा में इससे जुड़ा पूरा पाठ हटा दिया है।

चैप्टर हटाने पर NCERT का ये तर्क

एनसीईआरटी ने इन अध्यायों को हटाने को जरूरी बताते हुए तर्क दिया है। NCERT का कहना है कि, इससे स्टूडेंट्स पर बोझ नहीं पड़ेगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने कहा, 'डिफिकल्टी लेवल, एक ही चीज अलग-अलग चैप्टर में होना और मौजूदा परिस्थिति में अप्रासंगिक विषय वस्तु के कारण भी ये फैसला किया गया है।'

1,800 वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने लिखा था पत्र

आपको बता दें, छात्र इन चैप्टर को आगे पढ़ सकते हैं। लेकिन, इसके लिए उन्हें कक्षा 11वीं और 12वीं में इस विषयों को चुनना होगा। गौरतलब है कि, इसी साल NCERT ने विज्ञान की किताब से 'थियरी ऑफ इवोल्यूशन' को हटाकर लोगों के निशाने पर आ गई थी। तब कई करीब 1,800 वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने इस मुद्दे पर खुला पत्र लिखा था।

क्या कहा शिक्षा राज्यमंत्री ने?

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार (Subhash Sarkar) ने कहा, 'कोविड (Covid-19) के कारण कोर्स को तार्किक बनाने पर जोर दिया जा रहा है। बच्चों पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा रहा है। अगर, बच्चे डार्विन का सिद्धांत (Darwin's theory) पढ़ना चाहते हैं तो वो वेबसाइट पर जाकर इसे पढ़ सकते हैं। कक्षा 12 में पहले से ही डार्विन का सिद्धांत किताब में है। इसलिए ऐसे झूठे प्रोपेगेंडा नहीं फैलाया जाना चाहिए।'

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