मेडिकल की टॉप फील्ड बन रही है फार्मास्यूटिकल साइंस, CSJMU में फार्मा कोर्स में होंगे पहले से ज्यादा दाखिले

फार्मास्यूटिकल के जिन कोर्स की मांग बढ़ी है उसमें बी.फार्मा, डी.फॉर्म, एम.फार्म फार्मास्यूटिकल, एम. फार्म फार्मोकोलॉजी और एम. फार्म फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री जैसे विभिन्न पाठ्यक्रम शामिल है.

Written By :  Garima Shukla
Update: 2024-07-27 05:43 GMT

Csjmu pharma course admission: मेडिकल फील्ड में फार्मास्यूटिकल्स साइंसेज कोर्स में पढ़ाई करने का क्रेज स्टूडेंट्स के बीच बढ़ता जा रहा है . उसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मेडिकल का ये क्षेत्र बिना नीट प्रवेश परीक्षा पास किये चिकित्सा क्षेत्र में शानदार करियर बनाने के अवसर के साथ बढ़िया सैलरी और रिसर्च के मौके भी प्रदान करता है. इस कोर्स की बढ़ती डिमांड के चलते शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) ने फार्मास्यूटिकल्स साइंसेज कोर्स में एडमिशन के अवसर बढ़ा दिए है. विभाग की तरफ से इस कोर्स से जुड़े स्नातक से लेकर मास्टर तक सभी विभिन प्रोग्राम में दाखिले के लिए सीटों में वृद्धि की गयी है. 

काउंसिल ऑफ इंडिया ने लिए निर्णय

संस्थान में अब इस कोर्स के ग्रेजुएट और मास्टर प्रोग्राम में पहले से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकेंगे. विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी की गयी है बी फार्मा, एम फार्मा (फार्माकोलॉजी) और एम फार्मा (फार्माकोग्नॉसी) में मेडिकल से जुड़े फार्मेसी कोर्सेज में प्रवेश के लिए सीटों में वृद्धि की गयी है. विश्वविद्यायल के कुल सचिव ने बताया देश भर से स्टूडेंट्स जो इस संस्थान में कोर्स के लिए आवेदन करना चाहते हैं उनको देखते हुए काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से ये निर्णय लिया गया है

 फार्मा कोर्स में दाखिले की बढ़ रही मांग

विश्वविद्यालय के कुल सचिव का कहना है 12 वीं के बाद मेडिकल नीट के बिना फार्मास्यूटिकल साइंस कोर्स की डिमांड स्टूडेंट्स के बीच बढ़ रही है. सीएसजेएमयू द्वारा संचालित फार्मास्यूटिकल साइंसेज के पाठ्यक्रमों में यहां प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होती है. लिमिटेड सीट्स की वजह से कई स्टूडेंट्स दाखिले लेने से रह जाते थे इसलिए प्रवेश के लिए सीटों में इजाफा किया गया है ताकि ज्यादातर कैंडिडेट अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.

फार्मास्यूटिकल के इन कोर्स का बढ़ा स्कोप

फार्मास्यूटिकल के जिन कोर्स की मांग बढ़ी है उसमें बी.फार्मा, डी.फॉर्म, एम.फार्म फार्मास्यूटिकल, एम. फार्म फार्मोकोलॉजी और एम. फार्म फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री जैसे विभिन्न पाठ्यक्रम शामिल है.

विश्वविद्यालय के कुल सचिव के अनुसार बी फार्मा की जहां 40 सीटों में वृद्धि की गई है, वहीं एम फार्मा (फार्माकोलॉजी) में पांच और एम फार्मा (फार्माकोग्नॉसी) में 15 सीटों को नए कोर्स के रूप में मान्यता प्रदान की गयी है. .अभी तक विश्वविद्यालय में जो बी.फार्मा का पाठ्यक्रम चल रहा था उसमें 60 सीटों पर प्रवेश होता था, लेकिन अब 100 सीटों पर प्रवेश होगा. इसी तरीके से एम फार्म फार्मोकोलॉजी में 5 सीटों में बढ़ोत्तरी के बाद सीटों की संख्या 15 हो गई हैं, फार्मास्यूटिकल्स साइंसेज के निदेशक डॉक्टर शशि किरण मिश्रा ने बताया गुरुवार से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और काउंसलिंग के माध्यम से आवेदन किये जाएंगेI




Tags:    

Similar News