14 September Hindi Divas: 'हिंदी दिवस पर पीएम मोदी ने दीं शुभकामनाएं, कहा, भाषा अभिव्यक्ति का साधन है

14 September Hindi divas: हिंदी दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा ' जैसे जीवन में चेतना होती है, वैसे ही भाषा में भी चेतना होती है।

Written By :  Garima Shukla
Update:2024-09-14 10:55 IST

14 SEPTEMBER HINDI DIVAS: आज 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप मनाया जाता है I वैसे तो हिंदी भारत वर्ष की मातृभाषा है और इस भाषा को शायद ही विश्वस्तरीय पहचान की जरूरत है I लेकिन इस दिवस को एक उत्सव की भांति मनाया जाता है I इस मौके पर प्रधान मंत्री पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी और अपने विचार व्यक्त किये I

पीएम मोदी ने दी हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं

हिंदी दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं I उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा 'भाषा अभिव्यक्ति का साधन होती है। जैसे जीवन में चेतना होती है, वैसे ही भाषा में भी चेतना होती है। मैं कभी सोचता हूं कि अगर मुझे हिंदी भाषा बोलना नहीं आता, समझना नहीं आता तो मैं लोगों तक कैसे पहुंचता। मुझे व्यक्तिगत रूप से भी हिंदी भाषा की ताकत का अंदाजा है।'

राजभाषा की हीरक जयंती

वही हिंदी दिवस के अवसर पर अमित शाह ने अपने विचारो से देशवासियों को प्रेरित करते हुए कहा , 'इस वर्ष का 'हिंदी दिवस' हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 14 सितंबर 1946 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकृत किया था। हिंदी दिवस अपना 75वां वर्ष पूरा कर रहा है और हम इस वर्ष राजभाषा की हीरक जयंती मनाने जा रहे हैं। राजभाषा के लिए और हमारे सभी राज्यों की भाषाओं के लिए हिंदी बहुत महत्वपूर्ण भाषा मानी जाती है। हिंदी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।, मैं इतना अवश्य कह सकता हूं कि हिंदी और किसी भी स्थानीय भाषा के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं आंकी जा सकती है I'

अमित शाह ने हिंदी को बताया स्थानीय भाषाओं का मित्र

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे चर्चा करते हुए कहा, 'हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की मित्र है। चाहे वह गुजराती, मराठी या तेलुगु हो, हर भाषा हिंदी को बल देती है और हिंदी हर भाषा को शक्ति प्रदान करती है । हिंदी के आंदोलन को ध्यान से देखेंगे तो राजगोपालाचारी हों, महात्मा गांधी हों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों, लाला लाजपत राय हों, सरदार वल्लभ भाई पटेल हों ये सभी गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों से आते थे।'


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