EDUCATION POLICY: पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों से मिलाया हाथ और बताया शिक्षा का महत्व, नई शिक्षा नीति से होगा भारत में बदलाव

Independence day 2024: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को अपने ओजसपूर्ण शब्दों से संबोधित करने के बाद स्कूली बच्चों से वार्ता की. इस दौरान प्रधानमंत्री भी स्कूली बच्चों से हाथ मिलाकर उत्साहित नजर आये उन्होंने बच्चों राष्ट्र भावना और शिक्षा के लिए प्रेरित किया

Update: 2024-08-15 07:34 GMT

Independence Day 2024 : दिल्ली के लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश भर से आये PM श्री स्कूलों के बच्चे और NCC कैडेट्स और अन्य विद्यार्थी भी शामिल हुए I लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को अपने ओजसपूर्ण शब्दों से संबोधित करने के बाद स्कूली बच्चों से वार्ता की. उन्होंने तिरंगा बनाए बैठे स्कूली बच्चों के नजदीक जाकर उनसे हाथ मिलाया और उनके लक्ष्य पूछे. स्कूली बच्चे पीएम मोदी जी से हाथ मिलाते हुए बेहद खुश नजर आए I इस दौरान प्रधानमंत्री जी ने बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया I

स्कूली बच्चे तिरंगे के प्रारूप में बैठे आए नज़र

सभी बच्चे तिरंगे के प्रारूप में पंक्तियों में बैठे नजर आये स्कूल केंद्रीय शिक्षण मंत्रालय की तरफ से पीएम श्री स्कूलों के बच्चों को बुलाने की महत्वपूर्ण पहल की गयी I बच्चों के साथ उनके अभिभावकों एवं टीचर्स को भी विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया थाI I स्कूली बच्चों को स्वतंत्रता दिवस में बुलाने का उदेश्श्य प्रतिभाशाली बच्चों को देश भावना के लिए प्रेरित करना और देश के भविष्य में उनके योगदान की पहचान करना है.

शैक्षिक उत्कृष्ट में योगदान के कारण बच्चों को मिला समारोह में स्थान

स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने वाले पीएम श्री स्कूलों के विद्यार्थियों का चयन उनकी शैक्षिक उपलब्धियां , रचनात्मक उत्कृष्ठता और अन्य विशेष उल्लेखनीय गतिविधियों में भागीदारी के आधार पर किया गयाI इस दौरान बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को ध्यानपूर्वक सुनाI .

नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनः निर्माण पर जोर

पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में नई शिक्षा नीति व नालंदा विश्वविद्यालय के विषय में भी चर्चा की. नालंदा विश्वविद्यालय की इतिहास में शैक्षिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका रही है I इसलिए हमने नालंदा यूनिवर्सिटी का पुर्ननिर्माण पर जोर दिया है I नालंदा यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर से काम करना शुरू कर दिया है , हमें शिक्षा के क्षेत्र में एक बार पुनः सदियों पुरानी उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा.

21 सदीं में विकसित भारत के लिए नई शिक्षा नीति अहम

PM मोदी ने नई शिक्षा नीति पर शिक्षा क्षेत्र में अहम योगदान के विषय पर चर्चा की I उन्होंने कहा नयी शिक्षा नीति के लिए कई राज्यों ने बेहतर कदम उठाए हैं. बदली हुई शिक्षा नीति के साथ 21वीं सदी के अनुरूप अपनी शिक्षा व्यवस्था को विश्व पटल पर स्थापित करना चाहते हैं I विकसित भारत के लिए नई शिक्षा नीति की बड़ी भूमिका है.

स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा के लिए नहीं जाना पड़ेगा विदेश

प्रधानमंत्री ने विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स पर भी चर्चा की उन्होंने कहा , मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे देश के नौजवानों को अब विदेशों में पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़े. मध्यवर्गीय परिवार जब अपने बच्चों को विदेश में पढ़ने भेजते हैं तो अभिभावकों के लाखों करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. हम 21 वीं सदी में ऐसी ऐसी शिक्षा व्यवस्था बनाना चाहते हैं जिससे हमारे देश के नौजवानों को पढ़ने के लिए विदेश जाना न पड़े. साथ ही ऐसे संस्थानो का निर्माण हो कि विदेश के स्टूडेंट्स भारत में पढ़ने के लिए आए.

भारतीय शिक्षा में मातृभाषा को बढ़ावा देना जरूरी

प्रधानमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में मातृभाषा को बल देने की बात की उन्होंने देश के सभी शिक्षण संस्थानों को संबोधित करते हुए कहा की भाषा के कारण हमारे देश के प्रतिभावान बच्चों के लिए आगे रुकावट नहीं आनी चाहिए. भारतीय शिक्षा नीति ने मातृभाषा पर बल दिया है। भाषा किसी भी क्षेत्र में अवरोध नहीं होनी चाहिए. मातृभाषा का समर्थन हमारे देश के युवा, गरीब मां के बेटे को भी सपने पूरे करने की ताकत देता है. मातृभाषा पर हमें अवश्य बल देना चाहिए .

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