सिपाही भर्ती में रिक्त पदों को भरने पर जवाब-तलब

याची के अधिवक्ता का कहना था कि 41610 सिपाही भर्ती में अंतिम चयन के बाद विशेष आरक्षित कोटे की 2312 सीटें योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण रिक्त रह गयी जिसे अगली भर्ती के कैरी फारवर्ड कर दिया गया। इसे उपेन्द्र तोमर व अन्य की याचिका में चुनौती दी गयी।

Update: 2019-03-12 14:15 GMT

प्रयागराज: 41610 सिपाही भर्ती में दाखिल विशेष अपील पर हाईकोर्ट पुलिस भर्ती बोर्ड और राज्य सरकार से पूछा है कि क्या व्हाइटनर लगाने वाले 4429 अभ्यर्थियों को विज्ञापित 41610 पदों के सापेक्ष समायोजित किया गया है या फिर उनको 3295 रिक्त बचे पदों के सापेक्ष।

कोर्ट ने इस मुद्दे पर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। प्रमोद कुमार सिंह और अन्य की विशेष अपील पर न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति एस.डी.सिंह की पीठ सुनवाई कर रही है।

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याची के अधिवक्ता का कहना था कि 41610 सिपाही भर्ती में अंतिम चयन के बाद विशेष आरक्षित कोटे की 2312 सीटें योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण रिक्त रह गयी जिसे अगली भर्ती के कैरी फारवर्ड कर दिया गया। इसे उपेन्द्र तोमर व अन्य की याचिका में चुनौती दी गयी।

कोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण के प्रावधान को शून्य घोषित करते हुए बचे हुए पदों काके योग्य अभ्यर्थियों से भरने का निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस भर्ती बोर्ड ने 8678 अभ्यर्थियों को नियुक्ति हेतु बुलाया। इसे यह कहते हुए चुनौती दी गयी कि बोर्ड ने ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिक संख्या में बुलाया है।

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कोर्ट के पूछने पर सचिव भर्ती बोर्ड ने बताया कि बचे हुए पदों को व्हाइटनर लगाने वाले 4429 अभ्यर्थियों में समायोजित कर दिया है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी जिसके खिलाफ अब विशेष अपील दाखिल की गयी है।

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