Salary Hike in Punjab: पंजाब में कॉलेज-यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए यूजीसी वेतनमान अक्टूबर से होगा लागू

Salary Hike in Punjab: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिक्षक दिवस के अवसर पर कहा कि पंजाब के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) 7वां वेतन आयोग 1 अक्टूबर, 2022 से लागू किया जाएगा।

Written By :  Durgesh Sharma
Update: 2022-09-05 08:56 GMT

salary hike for teachers in Punjab UGC pay scales (Social Media)

Salary Hike in Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को घोषणा की हैं कि उनकी सरकार राज्य में अक्टूबर से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के बराबर वेतन देगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिक्षक दिवस के अवसर पर कहा कि पंजाब के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) 7वां वेतन आयोग 1 अक्टूबर, 2022 से लागू किया जाएगा।

गेस्ट टीचरों के वेतन में की गई वृद्धि - सीएम

दरअसल यूजीसी 7वां वेतन आयोग लागू करना पंजाब में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की एक लंबे अर्से से मांग रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने शिक्षकों की मांग को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आगे कहा कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी शिक्षकों को नियुक्त करने की मंजूरी दे दी गई है।

इस संबंध में एक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी, उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा। इसके साथ ही पिछले 18 से 20 वर्षों से कॉलेजों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचरों के वेतन में भी वृद्धि की गई है।

शिक्षक संघ वेतन वृद्धि को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन

गौरतलब है कि शिक्षक कई वर्षों से वेतन वृद्धि को लेकर सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने इन मुद्दो पर कभी ध्यान नहीं दिया। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में 13,200 शिक्षक हैं, जिन्हें 6,000 रुपये से 11,000 रुपये के बीच वेतन मिल रहा है। इन शिक्षकों को मुख्य रूप से स्वयंसेवी श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन वे पूर्णकालिक काम करते हैं। वैकल्पिक अभिनव शिक्षा (एआईई) और शिक्षा गारंटी योजना (ईजीएस) के तहत काम करने वाले शिक्षकों और विशेष प्रशिक्षकों को 6,000 रुपये, साधारण स्नातक शिक्षा प्रदाता को 8,200 रुपये, जबकि बीए-बीएड करने वालों को 9,200 रुपये मिलते हैं।

वहीं शिक्षक संघों ने इसे पूर्ण अन्याय बताते हुए सरकार की आलोचना की और कहा कि काम की परिस्थितियों में सुधार किए बिना शिक्षक दिवस मनाने में कोई मजा नहीं है। एक और शिक्षक दिवस आ गया है, फिर भी राज्य के शिक्षक कर्मचारियों के सबसे उपेक्षित वर्ग के रूप में महसूस कर रहे हैं क्योंकि 13 हजार से अधिक कर्मचारी केवल 6,000 से 11,000 रूपए के मासिक वेतन पर काम करते हैं।

सभी पार्टीयों ने दिया है धोखा - डीटीएफ, अध्यक्ष

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिग्विजय पाल शर्मा ने कहा कि शिअद-भाजपा शासन के दस साल और कांग्रेस के पांच वर्षों को हमने देखा है, लेकिन प्रत्येक पार्टी ने उन्हें धोखा दिया है। अब इनमें से अधिकतर शिक्षक 40 से 45 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं। आप का छह महीने का शासन भी उनके लिए कोई राहत लाने में विफल रहा है।

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