नये पाठ्यक्रम के जरिये अब संस्कृत के छात्र भी बन सकेंगे डॉक्टर और इंजीनियर

Update:2018-11-25 15:16 IST

लखनऊ: संस्कृत के छात्र अब दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। अब संस्कृत विद्यालय के छात्र पुरोहित-शिक्षक ही नहीं बल्कि इंजीनियर व डॉक्टर भी बन सकेंगे। इसके लिए माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद ने नया पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा।

इस पाठ्यक्रम के तहत इंटर की पढ़ाई तीन वर्गो में विभाजित कर दी गई है। उत्तर मध्यमा प्रथम (कक्षा 11) व उत्तर मध्यमा द्वितीय (कक्षा 12) में कला, विज्ञान व वाणिज्य वर्ग का गठन होगा। वर्तमान पाठ्यक्रम में संस्कृत के साथ गणित, विज्ञान वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल हैं। ऐसे में संस्कृत बोर्ड के छात्र भी विज्ञान वर्ग से पढ़ाई कर इंजीनियरिंग व मेडिकल के क्षेत्र में कदम रख सकेंगे।

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बता दें कि वर्तमान पाठ्यक्रम में कक्षा छह से आठ (प्रथमा) व कक्षा नौ और दस (पूर्व मध्यमा) तक अंग्रेजी वैकल्पिक विषय में शामिल है। वहीं नए पाठ्यक्रम में कक्षा छह से 10 तक अंग्रेजी, विज्ञान अनिवार्य विषय किया गया है। वहीं अंग्रेजी के अंक जोड़ने का फैसला किया गया है। कंप्यूटर व पर्यावरण दो नए विषय भी सम्मिलित किए गए हैं। कंप्यूटर शिक्षा से छात्र डिजिटल तकनीकी से जुड़ सकेंगे।

नए पाठ्यक्रम पर शासन जल्द लगा सकती है मुहर

राज्य में करीब एक हजार संस्कृत विद्यालय हैं। जिसमें लखनऊ मंडल में 48 व शहर में पांच विद्यालय हैं। पिछले वर्ष 99 हजार छात्रों ने बोर्ड परीक्षा दी थी। इस नए पाठ्यक्रम पर शासन से जल्द ही मुहर लगा सकती है।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार ?

उप निरीक्षक लखनऊ मंडल की पाठ्यक्रम समिति व अतिरिक्त सदस्य रेनू वर्मा का कहना है कि नया पाठ्यक्रम बन गया है। सिर्फ शासन से अनुमोदन बाकी है। नए सत्र से नए पैटर्न पर पढ़ाई होगी। संस्कृत बोर्ड के छात्रों को भी अब इंजीनियर-डॉक्टर बनने का मौका मिलेगा।

कई विषयों को हटाया, कुछ एक में समाहित

उल्लेखनीय है कि वर्तमान पाठ्यक्रम में कक्षा 11 में तीन अनिवार्य विषय, 51 वैकल्पिक विषय हैं। ऐसे ही कक्षा 12 में भी तीन अनिवार्य व 51 वैकल्पिक विषय हैं। कक्षा छह से आठ तक तीन अनिवार्य विषय व 20 वैकल्पिक विषय है। वहीं कक्षा नौ में तीन अनिवार्य व 37 वैकल्पिक विषय हैं।

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वहीं कक्षा 10 में भी तीन अनिवार्य व 37 वैकल्पिक विषय हैं। ऐसे में कुल 15 अनिवार्य व 196 के करीब वैकल्पिक विषय हैं। वहीं नए पाठ्यक्रम में विषयों की सूची सौ के अंदर होगी। बता दें कि इसमें कई विषयों को हटा दिया गया है और कई को एक कर दिया गया। जिसमें संस्कृत गद्य व और संस्कृत पद्य काव्य को एक विषय में कर दिया गया है।

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