हमीरपुर में फिर से खुलें स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में हुआ बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
समर्थ फाउंडेशन के देवेंद्र गांधी ने कहा अति पिछड़े गांव चंदूपुर में इस तरह की स्मार्ट तरीके के पढ़ाई होने से बच्चों में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन से बच्चे काफी प्रभावित हुए हैं।
हमीरपुर: कोरोना काल में बंद चल रहे स्कूलों के खुलने के साथ ही मासूम बच्चों के चेहरों पर रौनक लौटने लगी हैं। लंबे समय से स्कूलों से दूर बच्चों में उत्साह दिख रहा है। मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत चंदूपुर गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए आज का दिन खास रहा। आज बच्चों को एक साल बाद कक्षाओं में प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ने का मौका मिला। गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
फिर से खुलें स्कूल
एक साल बाद एक मार्च से सरकारी व प्राइवेट स्कूल खुले हैं। बच्चों को अभिनव प्रयोगों से शिक्षण कार्य करने के लिए टीचर्स की ओर से हर संभव प्रयास प्रयास किए जा रहे है। कुरारा ब्लाक के चंदूपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक मेहंदी हसन की अगुवाई में प्रोजेक्टर के द्वारा मंगलवार से स्मार्ट क्लास की शुरुआत एआरपी मनोज पाण्डेय की देखरेख में की गई। उन्होंने इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी कोविड गाइडलाइन के अनुसार स्कूल आएं, मास्क लगाएं और एक-दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें। यही संदेश अपने परिजनों को दें।
स्मार्ट एजुकेशन
समर्थ फाउंडेशन के देवेंद्र गांधी ने कहा अति पिछड़े गांव चंदूपुर में इस तरह की स्मार्ट तरीके के पढ़ाई होने से बच्चों में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन से बच्चे काफी प्रभावित हुए हैं। स्कूलों के खुलने से बच्चों को काफी राहत मिलेगी। प्रधानाध्यापक मेहंदी हसन ने बताया कि सामुदायिक सहयोग से प्रोजेक्टर की व्यवस्था की गई है। इससे बच्चों में सीखने, समझने और क्रियाकलाप करने से अग्रसर पंक्ति की श्रृंखला तैयार होगी। सहायक अध्यापक जयप्रकाश नारायण, सबा सिद्दीकी, रीना तिवारी आदि बच्चों को प्रोजेक्टर से शिक्षण कार्य किया।
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आंगनबाड़ी केंद्र में 95 बच्चों की नापतौल
आज आंगनबाड़ी केंद्र चंदूपुर में 95 से अधिक बच्चों का वजन लिया गया और उनकी माप की गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रीति ने गांव के सभी बच्चों का वजन लिया और उनका ग्रोथ मापा। इस अवसर पर मौजूद लोगों को जागरूक करते हुए प्रीती ने कहा कि बच्चों की उम्र के आधार पर लंबाई और वजन का ग्रोथ होना चाहिए। बच्चों के खानपान पर ध्यान दें। अधिक से अधिक हरी सब्जियों, मौसमी फलों, और घी, दूध आदि का सेवन करे। उन्होंने महिलाओं को बताया कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में सहयोग दें।
आगनबाड़ी केंद्र
ग्राम चंदूपुर में अभी हाल में ही कुछ माह पहले बच्चों, गर्भवती महिलाओं व किशोरियों का पंजीकरण किया गया है। विगत कई दशकों से इस ग्राम के लोग आंगनबाड़ी केंद्र न होने के कारण इससे मिलने वाली सुविधाओं से वंचित थे। सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र गांधी के प्रयासों से जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी ने इस गांव के लोगों के नाम आगनबाड़ी केंद्र में जोड़ने और केंद्र संचालन के निर्देश दिए थे। आज हुई गतिविधियों में सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र गांधी, जगभान, राधा देवी आदि ने सहयोग किया।
क्या बोले बच्चें
विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा सावित्री ने कहा कि उन्हें बहुत ही अच्छा लगा। पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी काफी कुछ नई जानकारी मिली। राधा भी प्रोजेक्टर के माध्यम से हुई पढ़ाई से खुश दिखी। गुड़िया ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई तो नहीं कर सकी, लेकिन अब उन्हें पढ़ने का मौका मिला है।
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बिना दबाव के बच्चों को पढ़ाएं
लंबे समय के बाद स्कूल खुलें। बच्चे अभी कोरोना और लॉकडाउन से उबरे नहीं। इसलिए बच्चों पर पढ़ाई का ज्यादा दबाव न बनाएं। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें। उन्हें बिना दबाव के पढ़ाएं। बच्चे भी ज्यादा दबाव न महसूस करें। हाईस्कूल-इण्टरमीडिएट के एग्जाम भी निकट हैं। ऐसे में तमाम बच्चे जिनके आगे जलकर किसी वजह से नंबर कम आ सकते हैं, वह भी आत्मग्लानि न करें। क्योंकि जो वक्त गुजर चुका है, वह काफी कठिन था, उससे उबरना है न किसी उसी में रहना है। अगर मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस न कर रहें तो वो फिर हेल्प लाइन नंबर 05282 298180 पर संपर्क करें।
रिपोर्ट- रवींद्र सिंह
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