SGPGI में शुरू होगा इमरजेंसी मेडिसिन में PG, NMC ने 2 सीटों पर प्रवेश व इमरजेंसी मेडिसिन के 30 बेड़ को दी मंज़ूरी
SGPGI Lucknow News: एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आर.के. धीमन ने बताया कि "इमरजेंसी मेडिसिन विषय में परास्नातक पाठ्यक्रम आरंभ करना न केवल संस्थान में अपितु उत्तर प्रदेश राज्य में इमरजेंसी सेवाओं को उन्नत करने की दिशा में एक बढ़ावे का कार्य करेगा।
SGPGI Lucknow News: राजधानी के रायबरेली रोड़ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में अब 2 सीटों पर पोस्टग्रेजुएट इन इमरजेंसी मेडिसिन (Postgraduate in Emergency Medicine) कोर्स को शुरू करने की मान्यता मिल गई है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (National Medical Commission) ने सत्र 2021-22 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र के लिये कोर्स को मंजूरी दे दी है। साथ ही, आयोग द्वारा संस्थान के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के 30 बेड़ को भी मान्यता मिली है। बता दें कि, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग द्वारा यह स्वीकृति उस समय प्राप्त हुई है, जब संस्थान में इमर्जेंसी मेडिसिन व गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र के नवीन भवन में इमरजेंसी के 210 बेड़ों का विस्तार कार्य जारी है।
इमरजेंसी सेवाओं को मिलेगी उन्नति
एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आर.के. धीमन (SGPGI Director Dr R K Dhiman) ने बताया कि "इमरजेंसी मेडिसिन विषय में परास्नातक पाठ्यक्रम आरंभ करना न केवल संस्थान में अपितु उत्तर प्रदेश राज्य में इमरजेंसी सेवाओं को उन्नत करने की दिशा में एक बढ़ावे का कार्य करेगा। यह चिकित्सीय व पराचिकित्सीय स्टाफ के इमर्जेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए भी एक संसाधन प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगा।"
लाल, पीले व हरे जोन की भी होगी व्यवस्था
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर.के. धीमन ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य में इस तरह की अत्याधुनिक इमरजेंसी (sgpgi medical Postgraduate in Emergency Medicine) का यह एकमात्र वृहत्त्तम केंद्र होगा। रोग की गंभीरता व जांचों की अतिशीघ्र आवश्यकता के आधार पर इसे देखभाल के अनेक स्तरों में बांटा जाएगा, जिससे रोगी को अति शीघ्र सर्वोत्तम उपचार मिल सके। उन्होंने बताया, ''यहां रिससिटेशन एरिया (पुनर्जीवन एरिया) ट्रायज व सेवा सुश्रुषा एरिया, अल्पकालिक प्रवास इकाई, गहन चिकित्सा केंद्र, हाई डिपेंडेंसी यूनिट, शल्य चिकित्सा इकाइयां, एंडोस्कोपी व अन्य कक्षों की व्यवस्था होगी। साथ ही रोग की गंभीरता के आधार पर लाल, पीले व हरे जोन की भी व्यवस्था होगी। इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि रोगी और उसके संबंधियों को सर्वोत्तम आकस्मिक सेवा मिल सके। यहां कार्यरत स्टाफ की भी आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है।"
इमरजेंसी मेडिसिन व गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र का निर्माण अंतिम दौर में
गौरतलब है कि, संस्थान में इमरजेंसी मेडिसिन व गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र के नवीन भवन निर्माण व इससे संबंधित संयंत्रों की खरीद व मशीनों की स्थापना का कार्य अपनी पूर्णता के अंतिम चरण में है। यह बिल्डिंग शीघ्र ही संस्थान को सौंप दी जाएगी। इस प्रत्याशित विस्तार हेतु जनशक्ति की भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है। इस सात स्तरीय विस्तार से संस्थान में आने वाले उन सभी रोगियों की निसंदेह मदद हो पाएगी, जो अत्यंत गंभीर अवस्था में पीजीआई की इमरजेंसी में पहुँचते हैं। नवीन इमरजेंसी ब्लॉक में उसी परिसर में आपातकालीन रोगियों के लिए नैदानिक व रेडियोलाजी की सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
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