Education News: सिंगर शंकर महादेवन, सुधा मूर्ति बनाएंगे छात्रों का सिलेबस, NCERT ने इन बड़े दिग्गजों को सौंपी जिम्मेदारी

Education News: शंकर महादेवन, सुधा मूर्ति, बिबेक देबरॉय जैसे अलग-अलग क्षेत्र के दिग्गज स्टूडेंट्स के लिए NCERT पाठ्य पुस्तकों का सिलेबस तय करने वाले प्रमुख पैनल में शामिल हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान के चांसलर महेश चंद्र पंत को 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

Update:2023-08-12 17:53 IST
Education News (Social Media)

Education News: देश के दिग्गज गायक और संगीतकार शंकर महादेवन (Shankar Mahadevan), इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) जैसी ख्यातिप्राप्त शख्सियत अब बच्चों के लिए सिलेबस तैयार करते नजर आएंगे। अपने-अपने क्षेत्र के धुरंधर अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत भारत कक्षा- 3 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स का सिलेबस तैयार करने जा रहे हैं।

आपको बता दें, सुधा मूर्ति, इंफोसिस के चेयरमैन एन. नारायण मूर्ति (N. Narayana Murthy) की पत्नी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की सास हैं। इनके अलावा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, EAC-PM के सदस्य संजीव सान्याल तथा आरएसएस विचारक चमू कृष्ण शास्त्री सहित कई दिग्गजों को NCERT सिलेबस तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

नोटिफिकेशन में क्या कहा गया?

एक नोटिफिकेशन के अनुसार, NCERT द्वारा जारी सर्कुलर में इस बात की जानकारी दी गई है। जिसमें कहा गया है कि, हाई पावर वाली नेशनल सिलेबस और टीचिंग लर्निंग कमेटी (Teaching Learning Committee) को तीसरी कक्षा से 12वीं तक के लिए स्कूल पाठ्यक्रम (School Curriculum) विकसित करने तथा क्लास- 2 से 3 तक जरूरी परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए कक्षा- 1 से 2 तक की मौजूदा पाठ्य पुस्तकों को संशोधित करने का अधिकार दिया जाएगा।

कई बड़ी शख्सियत महत्वपूर्ण भूमिका में

राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान अर्थात NIEPA के चांसलर महेश चंद्र पंत (Mahesh Chandra Pant) को 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम तथा शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति (NCTE) की जिम्मेदारी दी गई है। यह एक स्वायत्त संस्था (Autonomous Body) होगी। महेश चंद्र पंत इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। सह-अध्यक्षता प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव (Manjul Bhargava) करेंगे। समिति में EAC-PM अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, पूर्व महानिदेशक सीएसआईआर डॉ. शेखर मांडे के साथ-साथ संजीव सान्याल भी शामिल होंगे, ये ईएसी प्रधानमंत्री कार्यालय के सदस्य हैं।

इनके अलावा, कई अन्य सदस्यों को भी मौका मिला है। जिनमें कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुजाता रामदोराई (Sujata Ramdorai), बेंगलुरु के प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी के निदेशक यू. विमल कुमार (U Vimal Kumar), IIT गांधीनगर में विजिटिंग प्रोफेसर माइकल डैनिनो (Michael Danino), हरियाणा से सेवानिवृत्त और कैडर तथा पूर्व महानिदेशक हिपा, IAS सुरीना राजन (Surina Rajan), भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमू कृष्ण शास्त्री (Chamu Krishna Shastri), चेन्नई नीति अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष डॉ एमडी श्रीनिवास (Dr MD Srinivas), प्रमुख कार्यक्रम कार्यालय NSTC गजानन लोंढे, SCERT सिक्किम के डायरेक्टर रॉबिन छेत्री (Robin Chhetri), NCERT प्रो प्रत्यूषा कुमार मंडल, प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर कीर्ति कपूर और एनसीईआरटी प्रोफेसर रंजना अरोड़ा शामिल हैं।

परामर्श के लिए अन्य एक्सपर्ट की ले सकते हैं मदद
NCERT के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि, पाठ्य पुस्तकें नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क यानी NCF के तहत पाठ्यचर्या क्षेत्रों और विषयों को कवर या कॉल करेंगी। इसके साथ ही, शिक्षक पुस्तिका जैसी सहायक सामग्री भी शामिल होंगी। NSTC जरूरत पड़ने पर सलाह, परामर्श और सहायता के लिए अन्य विशेषज्ञों को भी आमंत्रित करने के लिए स्वतंत्र होगा। NSTC को NCERT द्वारा स्थापित कार्यक्रम कार्यालय द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। वह उन्हें सभी आवश्यक विशेषज्ञता तथा सहायता भी प्रदान करेगा।

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