बलरामपुर : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। यहां एसटीएफ कई दिनों से गुपचुप तरीके से बेसिक शिक्षा विभाग में अभिलेखों की जांच पड़ताल कर रही थी। जांच पड़ताल के दौरान आज 3 शिक्षक ऐसे मिले जो दूसरों के नाम पर नौकरी कर रहे थे और एक शिक्षक के अभिलेख फर्जी मिले। इन सभी 4 शिक्षकों को एसटीएफ ने धर दबोचा और कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज करा कर जेल भेजने की तैयारी कर दी है। इस फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड योगी के गृह जनपद गोरखपुर का बताया जा रहा है।
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मामला साल 2009 से जुड़ा है। विशिष्ट बीटीसी भर्ती के दौरान इन शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इन सभी ने तैनाती लेकर अपना काम करना शुरू कर दिया था। प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान अनियमितता मिलने पर इनको 1 वर्ष पूर्व बर्खास्त कर वेतन रोक दिया गया था और जांच प्रचलित थी। इनमें 3 शिक्षक दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहे थे जबकि एक शिक्षक के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं।
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ये हैं गिरफ्तार शिक्षक
गिरफ्तार शिक्षको में 1-विन्देश्वरी प्रसाद तिवारी जो शशिकेश के नाम पर नौकरी कर रहे थे। 2-शम्भू शरण पांडेय निवासी गांधी नगर जिला बस्ती, ये सौरभ पांडेय के नाम पर नौकरी कर रहे थे। 3-मनोज कुमार यादव निवासी दुबौली जनपद महराजगंज जो कि संजय यादव के नाम पर नौकरी कर रहे थे। जबकि जीवन ज्योति शुक्ला का अभिलेख जांच के दौरान फर्जी पाए गए थे। पूछताछ के दौरान इन गिरफ्तार शिक्षकों ने एसटीएफ को बताया है कि "मनोज जायसवाल" नाम का शख्स पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है जो कि गोरखपुर जिले का रहने वाला है।
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एसटीएफ ने गिरफ्तार शिक्षको को स्थानीय पुलिस को सुपुर्द कर कोतवाली नगर में केस दर्ज करा दिया है। इन सभी फर्जी शिक्षको पर मु0आ0स0-241/18 आ0धारा0 467,468,419,420,471 आईपीसी के तहत दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।
पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि एसटीएफ ने जांच पड़ताल कर 4 फर्जी शिक्षकों को अरेस्ट किया है। इन शिक्षकों में 2 पर एक माह पहले एफआईआर कराई गई थी। शेष पर आज एसटीएफ ने दर्ज कराई है। गिरफ्तार चारो अभियुक्तों को धारा 467, 468, 419, 420, 471 आइपीसी में दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।