12वीं के छात्र ने बनाई ऐसी डिवाइस, बिना सीट बेल्ट लगाएं नहीं स्टार्ट होगी कार

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर डिस्ट्रिक में 12वीं क्लास के छात्र ने सेफ़्टी कार डिवाइस तैयार किया। छात्र की ओर से तैयार की गई इस सेफ़्टी डिवाइस को कार में लगा देने के बाद यदि आपने सीट बेल्ट नहीं लगाया तो आपकी कार स्टार्ट ही नहीं होगी।

Update:2018-02-11 12:52 IST

सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर डिस्ट्रिक में 12वीं क्लास के छात्र ने सेफ़्टी कार डिवाइस तैयार किया। छात्र की ओर से तैयार की गई इस सेफ़्टी डिवाइस को कार में लगा देने के बाद यदि आपने सीट बेल्ट नहीं लगाया तो आपकी कार स्टार्ट ही नहीं होगी।

इस डिवाइस को तैयार करने वाला छात्र आदर्श तिवारी चार भाई-बहनों में अपने अधिवक्ता पिता का इकलौता होनहार बेटा है। newstrack.com से बातचीत में उसने बताया कि कुछ साल पहले रोड एक्सीडेंट में मंत्री गोपीनाथ मुंडे की डेथ से शॉक्ड होकर उसे ये डिवाइस बनाने का आईडिया आया।

डिवाइस को किसी भी कार में किया जा सकता है फिट

जी हां, डिस्ट्रिक के सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानंद नगर

में 12वीं के छात्र आदर्श तिवारी की इन दिनों जमकर चर्चा हो रही है। दरअसल, छात्र ने काम ही ऐसा किया जिससे उसका नाम हर किसी ज़ुबान पर है। इंटर क्लास के इस होनहार छात्र ने ऐसी अनोखी डिवाइस तैयार की है कि जिसकी मदद से बड़े हादसे को टाला जा सकता है।

क्या बताया आदर्श ने?

आदर्श की मानें तो उसके द्वारा तैयार की गई डिवाइस की खूबी ये है के बगैर सीट बेल्ट बांधे और गेट लॉक किए अगर कार को स्टार्ट करना चाहें तो स्टार्ट नहीं होगी। यही नहीं रोड पर चलती कार के खुलने पर उसे लॉक करने में भी डिवाइस का अहम रोल है और डिवाइस को किसी भी कार में आराम से फिट किया जा सकता है।

7 -8 हज़ार है डिवाइस की मार्केट वैल्यू

आपको जानकर हैरानी होगी कि तैयार की गई डिवाइस की मार्केट वैल्यू भी बहुत ज़्यादा नहीं बल्कि बजट के अंदर यही कोई 7 -8 हज़ार रुपए है। अहम बात ये के आदर्श ने इस डिवाइस को नाम भी दिया है, उसके द्वारा डिवाइस को दिया गया नाम ''स्मार्ट सीट बेल्ट सिस्टम'' है।

तो इसलिए पड़ी जरूरत...

इस डिवाइस को तैयार करने की आदर्श को ज़रूरत क्यों पड़ी उस पर उसने बताया कि कुछ साल पहले रोड एक्सीडेंट में मंत्री गोपीनाथ मुंडे की डेथ हुई थी जिससे वो काफी शॉक्ड हुआ था। उसने बताया कि मैने न्यूज़ में देखा था कि मंत्री जी की कार से लेकर उनकी बाडी तक पर कहीं खून नहीं था। हां सीट बेल्ट न बांधने की वजह से उन्हें नोज़ इंजरी आई थी जिससे उनकी मौत हुई थी। आजकल भी ज़्यादातर हादसे इस लापरवाही से हो रहे जिसने उसे डिवाइस तैयार करने के लिये प्रेरित किया।

पीएम और गवर्नर से मिल चुका है प्राइज़

सनद रहे कि16 दिसम्बर से 23 दिसम्बर 2017 तक विद्या भारती द्वारा आयोजित साइंस फेयर में आदर्श ने फस्ट रैंक हासिल की थी। वहीं 27 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक गुजरात के अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान की प्रतियोगिता में उत्तर-प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था और प्रंधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे पुरस्कृत किया था। जबकि 13 अगस्त 2017 को लखनऊ में ग्रीस एक्जीबिशन में उसकी 10 वीं रैंक आई थी और उसे गवर्नर राम नाइक ने पुरस्कृत किया था।

शुरुआती दौर में पिता को था संकोच

आपको बता दें कि आदर्श अपने भाई बहनों में इकलौता है, पिता कौशल तिवारी दीवानी में अधिवक्ता हैं तो मां हाउस वाइफ। बेटे की बेस्ट परफार्मेंस पर पिता कौशल तिवारी बेहद खुश हैं। उन्होंंने बताया कि शुरुआती दौर में डिवाइस को तैयार में उन्हें संकोच था, फिर भी हमनें बेटे पर भरोसा करते हुए उसका साथ दिया। आखिर उसनें भरोसे को आत्मविश्वास में बदल डाला। उनका कहना है कि सरकार उनके बेटे द्वारा तैयार की गई डिवाइस का टेस्ट कराकर उसे लांच कराए ताकि लोगों की जिंदगियां सुरक्षित हो सके।

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