SC ने दिया केंद्र और CBSE को आदेश, अगले साल से NEET में उर्दू भी होगी शामिल

हालांकि इस बार नीट में उर्दू शामिल नहीं होगी। सुनवाई के दौरान सीबीएसई ने कहा कि 7 मई को होने वाली परीक्षा में उर्दू को शामिल नहीं किया जा सकता। नीट पेपर में 11,000 छात्रों के लिए अतिरिक्त बदलाव नहीं किया जा सकता।

Update: 2017-04-13 11:38 GMT

नई दिल्ली : नेशनल एलिजिबिलटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) उर्दू में भी देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सीबीएसई को 2018-19 से उर्दू को शामिल करने को कहा है।

हालांकि इस बार नीट में उर्दू शामिल नहीं होगी। सुनवाई के दौरान सीबीएसई ने कहा कि 7 मई को होने वाली परीक्षा में उर्दू को शामिल नहीं किया जा सकता। नीट पेपर में 11,000 छात्रों के लिए अतिरिक्त बदलाव नहीं किया जा सकता।

वहीं केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें उर्दू को भी शामिल करने में गुरेज नहीं है। लेकिन इस साल परीक्षा में शामिल नहीं कर सकते। आगे के लिए इस पर विचार किया जाएगा।

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कोर्ट ने ने मांगा जवाब

-नीट एग्जाम उर्दू माध्यम में भी क्यों न हो, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट इस्लामिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

-कोर्ट ने केंद्र सरकार, MCI, DCI और CBSE को नोटिस जारी कर 10 मार्च तक जवाब मांगा था।

-अभी तक नीट हिंदी, इंग्लिश, बांग्ला, मराठी, गुजराती, उड़िया, असमी, तेलगु, तमिल और कन्नड़ में होती है।

महाराष्ट्र और तेलंगाना ने की मांग

-याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि अभी MCI और CBSE ये कह रही थी कि किसी भी राज्य सरकार ने नीट उर्दू में कराने की गुजारिश नहीं की है।

-लेकिन अब महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकार इसकी मांग कर रहे है।

-इसके अलावा कुछ और भी राज्य है जो इस पर विचार कर रहे है।

-याचिकाकर्ता ने कोर्ट में ये भी कहा कि MCI ने कहा था कि अगर कोई राज्य सरकार इसकी मांग करेगा तो वे विचार करेंगे।

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