IIT-JEE 2017: काउंसलिंग प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-जेईई की काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगले आदेश तक देश भर में ज्वॉइंट एंट्रेंस टेस्ट के बाद एडमिशन के लिए चल रही कॉउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक रहेगी।

Update: 2017-07-07 12:24 GMT

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-जेईई की काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाई। कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगले आदेश तक देश भर में ज्वॉइंट एंट्रेंस टेस्ट के बाद एडमिशन के लिए चल रही कॉउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक रहेगी।

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच ने सभी हाई कोर्ट्स को भी निर्देश दिया है कि वो इससे संबंधित किसी याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे। आईआईटी-जेईई 2017 रैंक लिस्ट और अतिरिक्त मार्क्स देने के फैसले को देश के अलग-अलग हाई कोर्ट्स में दायर याचिकाओं की डिटेल भी सुप्रीम कोर्ट ने मांगी है।

एचआरडी को नोटिस

-गौरतलब है कि अब 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा।

-30 जून को सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-जेईई 2017 रैंक लिस्ट को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया था।

क्‍या है मामला

आईआईटी में एडमिशन के लिए परीक्षार्थी ऐश्वर्या अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि आईआईटी-जेईई 2017 की अंक लिस्ट को रद्द किया जाए। याचिकाकर्ता के मुताबिक आईआईटी-जेईई में शामिल होने वाले छात्रों को 'बोनस अंक' देने का फैसला गलत है। इसकी वजह से उसके और बहुत से छात्रों का हक मारा जा रहा है।

याचिका में ये भी मांग की गई है कि आईआईटी-जेईई(एडवांस) की रैंक लिस्ट में त्रुटि दूर कर दोबारा से लिस्ट बनाई जाए। जिन छात्रों ने गलत सवाल का सही जवाब दिया है उनको अंक दिया जाए। प्रश्न पत्र में कई गलत प्रश्न थे, जिनकी वजह से सभी अभ्यर्थियों को उसकी जगह बोनस अंक दिए गए। इस फैसले का विरोध याचिका में किया गया है।

याचिकाकर्ता के मुताबिक प्रवेश परीक्षा दोबारा से कराई जाए तो बेहतर होगा या फिर सभी छात्रों को अगले साल होने वाली परीक्षा में फिर से मौका दिया जाए। बता दें कि ये शायद पहली बार है जब प्रतिष्ठित आईआईटी-जीईई की परीक्षा में इस तरह की गड़बड़ी की वजह से कॉउंसललिंग प्रक्रिया पर रोक लगी है।

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