NEET-UG 2024 SC Hearing: नीट यूजी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, अब अगली तारीख 18 जुलाई

नेशनल टेस्टिग एजेंसी (NTA) ने देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल क्षेत्र से संबंधित पाठ्यक्रम जैसे एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष में दाखिले के लिए 5 मई को नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की थी।

Written By :  Network
Update:2024-07-11 13:52 IST

मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी (NEET UG)  : मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी (NEET UG) मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। तमाम याचिकाकर्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार के हलफनामे की कॉपी नहीं मिली है। इसके बाद जजों ने हियरिंग अभी टाल दी है और इसकी अगली सुनवाई की तारीख 18 जुलाई, गुरुवार तय कर दी हैI 

 इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सूचना दी थी कि नीट यूजी में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई है। साथ ही कहा कि दोबारा परीक्षा कराने की जरूरत नहीं है।साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि नीट-यूजी मामले में बड़े किसी भी दोषी अभ्यर्थी को कोई लाभ नहीं मिलेगा। IIT मद्रास की डाटा एनालिटिक्स रिपोर्ट दिखाती है कि कोई बड़ी अनियमितता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है। रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर कदाचार या स्थानीय पक्षपात के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। कुछ परीक्षा केंद्रों से ही टॉपर होने का आरोप निराधार है। टॉप 100 कैंडिडेट 56 शहरों से हैं।

सीजेआई  NEET परीक्षा की 'पवित्रता' को लेकर चिंतित

पिछली सुनवाई में सीजेआई ने कहा था कि अदालत NEET प्रवेश परीक्षा की 'पवित्रता' को लेकर फिक्रमंद है ताकि ऐसी धांधली फिर से न हों। इसका सीधा असर कैंडिडेट्स के परिणाम भी प्रभावित होते हैं। कोर्ट की बेंच ने ये भी कहा यदि इसकी जांच के लिए कोई विशेषज्ञ समिति सरकार द्वारा गठित की गई है तो उसकी रिपोर्ट की डिटेल प्रस्तुत करें।

इस परीक्षा में 24 लाख स्टूडेंट्स हुए थे शामिल 

ये परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में 24 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। जिनके भश्विष्य का फैसला फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट के हाथों में हैं। अब अभ्यर्थियों के पास कोर्ट के निर्णय के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। NEET UG 2024 प्रवेश परीक्षा की पिछली सुनवाई के दौरान CJI ने कहा था कि परीक्षा में सम्मिलित करीब 24 लाख स्टूडेंट्स की बड़ी संख्या के देखते हुए पुनः परीक्षा यानि RETEST पर आदेश देना उचित नहीं होगा।


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