UGC Guidelines 2022: बिना पीएचडी के बनेंगे प्रोफेसर, इस वर्ष से लागू होगा नियम
UGC Guidelines 2022: यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा कि हम इस बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं। इसे लेकर एक समिति का गठन किया जायेगा, जिसकी सिफारिश पर निर्णय लिया जाएगा।
UGC Guidelines 2022: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) यूनिवर्सिटी और कॉलेज में परमानेंट असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करने पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा कि हम इस बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं। इसे लेकर एक समिति का गठन किया जायेगा, जिसकी सिफारिश पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि कुछ साल पहले यूजीसी ने नियमों में बदलाव किया था और असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी अनिवार्य बना दिया था। लेकिन नए नियमों के लागू होने से पहले ही कोरोना महामारी आ गई जिस वजह से नियम में छूट दी गई।
इस वजह से खत्म होगी पीएचडी की अनिवार्यता
उन्होंने कहा कि सहायक प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी अनिवार्य करने पर फिर से विचार करने की जरूरत है क्योंकि बहुत से विषयों जैसे डिजाइन, विदेशी भाषाओं आदि के पीएचडी शिक्षक मिलना बहुत मुश्किल है। इसके अलावा एक अच्छे शिक्षक और उनके पीएचडी होने में कोई सीधा संबंध नहीं होता है। इसलिए हम सोच रहे हैं कि सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म किया जाए तो बेहतर होगा।
अब ऐसे मिलेगी पीएचडी की डिग्री
पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसकी सिफारिश पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होनें कहा कि जब एक व्यक्ति सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्त होगा तो उसे तीन से पांच साल का समय मिलेगा। इस दौरान वह अपनी पीएचडी पूरी कर पाएगा और इसे पूरा करने के बाद ही सहायक प्रोफेसर पद से एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रमोशन मिलेगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में शोध को बढ़ावा देना अहम है।
इस वर्ष से लागू होगा नया नियम
यूजीसी पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करने के लिए बहुत गंभीर हैं। केंद्र सरकार ने यूजीसी नियमों में बदलाव कर सहायक प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी को न्यूनतम योग्यता तय किया था। बदले हुए नियम जुलाई 2021 से लागू होने थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इन नियमों को लागू करने की तारीख आगे करके जुलाई, 2023 कर दी गई है।