UGC की कवायद, अब पुरुष छात्र भी कर सकेंगे यौन उत्पीड़न की शिकायत

Update:2016-06-08 20:40 IST

नई दिल्ली : देश में हो रहे ऐसे ही मामलों को उजागर करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए यूजीसी कुछ प्रावधान लाया है। इसके तहत अब से छात्र यौन शोषण के मामले में पुरुषों, महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

रेगुलेशन मई में हुआ जारी

-यूजीसी के अनुसार (Prevention, prohibition and redressal of sexual harassment of women employees and students in higher educational institutions) रेगुलेशन इसी साल के मई माह में जारी किया गया।

-इसके अनुसार यौन शोषण का मामला निष्पक्ष होना चाहिए।

-इसमें इस बात का साफ जिक्र है कि ट्रांसजेडर्स और छात्राओं के साथ-साथ छात्र भी असुरक्षित हो सकते हैं।

ये है नए रूल

-रेगुलेशन को सख्ती से लागू करवाया जाएगा और शिकायतों की समीक्षा के लिए आंतरिक कमिटी का गठन किया जाएगा।

-स्टूडेंट जिन्हें यौन शोषण के बाबत शिकायत करनी हो वे 3 महीने के अंदर करें (किसी विशेष मामले जैसे बीमारी में उन्हें बाद में भी शिकायत करने की छूट है)।

-सारे शिकायतों की समीक्षा की जाएगी और एक्शन 30 दिनों के भीतर लिया जाएगा।

-यूजीसी के प्रावधान के हिसाब से विक्टिम (प्रभावित शख्स) के दोस्त, सहकर्मचारी, मनोवैज्ञानिक, सगे-संबंधी उसकी जगह पर शिकायत कर सकते हैं, यदि वह शारीरिक, मानसिक बीमारी या मृत्यु से होकर गुजरा हो।

-यह बड़ा और क्रांतिकारी कदम यूजीसी ने काफी सोच-विचार के बाद उठाया है।

-उन्हें इसके बारे में कई शिकायतें मिली थीं।

-साल 2007 में दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के रामजस कॉलेज में दो स्टूडेंट्स ने एक शिक्षक के खिलाफ ऐसी शिकायतें की थीं।

ये निर्देश दिए गए हैं...

-यदि यूनिवर्सिटी और कॉलेज यूजीसी के इन नए नियमों के हिसाब से नहीं चलेंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

-उन्हें दिए जाने वाले फंड में कटौती की जा सकती है।

-किसी भी दोषी पाए गए स्टूडेंट को निलंबित कर दिया जाएगा और किसी शिक्षक और कर्मचारी पर उसके सर्विस रूल के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

-इसमें गलत शिकायत पर पेनल्टी का भी प्रावधान निहित है।

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