बजट 2018: प्री नर्सरी से 12वीं तक के लिए होगी एक शिक्षा नीति, छात्रों को मिलेगा लाभ

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में शिक्षा को लेकर कई ऐलान किए हैं। जिसमें जेटली ने नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर दिया है। उन्होंने हुए कहा कि अब प्री-नर्सरी से 12वीं तक के लिए एक शिक्षा नीति बनेगी। जेटली ने आगे कहा कि अच्छी शिक्षा के लिए सिर्फ बच्चों को स्कूल तक भेजना काफी नहीं है। बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की आवश्यकता है। जिसके लिए सरकार चीटरर्स के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी और टेक्नोलॉजी के जरिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दी जाएगी।

Update: 2018-02-01 13:39 GMT

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में शिक्षा को लेकर कई ऐलान किए हैं। जिसमें जेटली ने नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अब प्री-नर्सरी से 12वीं तक के लिए एक शिक्षा नीति बनेगी।

जेटली ने आगे कहा कि अच्छी शिक्षा के लिए सिर्फ बच्चों को स्कूल तक भेजना काफी नहीं है। बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की आवश्यकता है। जिसके लिए सरकार चीटरर्स के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी और टेक्नोलॉजी के जरिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दी जाएगी।

शिक्षा की गुणवत्ता गंभीर चिंता का विषय है। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार प्री-नर्सरी से 12वीं क्लास तक एक ही शिक्षा नीति बना रही है। वहीं सरकार के इस निर्णय से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाई जा सकती है।

इस कारण लिया फैसला

प्री- नर्सरी से 12वीं क्लास तक की एक नीति बनाने का निर्णय इस वजह से लिया गया है, जिससे हर कक्षा के छात्रों को ऐसी शिक्षा मिल सकें जिसके कारण वह आगे रोजगार हासिल करने में असमर्थ न हो।

बता दें, पहले प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग नीति होती थी, लेकिन अब पूर्ण रूप शिक्षा की एक ही नीति होगी। जिसका लाभ छात्रों को मिल सकता है।

छात्रों को फायदा

वहीं जेटली का कहना है कि वर्तमान में शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की आवश्यकता है। इसके साथ ही चाहते हैं कि भविष्य में छात्र तरक्की करें और वर्तमान में उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में एक ही शिक्षा नीति होने से छात्रों को इसका भरपूर लाभ मिल सकता है।

हालांकि, शिक्षा की इस नई नीति से छात्रों का कितना फायदा और कितना नुकसान होगा ये कहना अभी मुश्किल है। लेकिन इस फैसले से शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता का स्तर बढ़ने की उम्मीद है।

बजट में शिक्षा के क्षेत्र में ये हैं बड़े ऐलान

-शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड कार्यक्रम शुरु किया जाएगा।

-सरकार ने अब 20 लाख बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुनिश्चित किया है।

-अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाएंगे और टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

-नवोदय विद्यालय की तर्ज पर अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एकलव्य विद्यालय खुलेंगे।

-नए सरकारी 24 मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।

-बड़ोदरा की रेलवे यूनिवर्सिटी की तरह दो कॉलेज और खोले जाएंगे।

वित्त मंत्री ने इस वित्तीय वर्ष में 18 नए आईआईटी और एनआईटी तैयार करने का लक्ष्य भी रखा है।

-2020 तक राष्ट्रीय कौशल विकास स्कीम के तहत 50 लाख युवाओं को स्कॉलरशिप मिलेगी।

-आईआईटी से पीएचडी करने का मौका 1 हजार छात्रों को भी मिलेगा

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