नकल हुई तो खैर नहीं, डिप्टी सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर दिया कड़ा संदेश
लखनऊ : यूपी बोर्ड में नकलचियों और नकल कराने वालों की खैर नहीं। यूपी बोर्ड परीक्षा पर डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा खुद नजर रखेंगे। कहीं से भी नकल की शिकायत आई या नकल होते मिली तो स्टूडेंट, कक्ष निरीक्षक, केंद्र प्रभारी और जिले के अफसर की जवाबदेही होगी। इसी एजेंडे के साथ डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने प्रदेश के माध्यिमक शिक्षा अधिकारियों से शुक्रवार को योजना भवन में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की। प्रत्येक जिले के डीआईओएस से डिप्टी सीएम ने अधिकारियों संग नकलविहीन बोर्ड परीक्षा की तैयारियों पर बात की।
जीपीएस सिस्टम से लैस होंगे परीक्षा केंद्र
माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि हर परीक्षा केंद्र को जीपीएस सिस्टम से लैस किया जाएगा। इससे सचल दलों और विदयार्थियों को परीक्षा केंद्र ढूढने में दिक्कत नहीं होगी। सीसीटीवी को इस तरह से इंस्टॉल किया जाएगा कि परीक्षा केंद्र के अंदर के साथ बाहर भी करीब 200 मीटर की गतिविधियों को कैमरे में कैद किया जा सके। कुछ भी संदिग्ध लगने पर तुरंत कार्यवाही होगी।
कम परीक्षा केंद्र बनना हमारी पारदर्शिता का सबूत
डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि पिछले साल यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए 11414 केंद्र बने थे।इस बार 8500 केंद्र बनाए गए हैं।पारदर्शी तरीके से केंद्रों का आवंटन किया गया है।हमारा मीडिया के माध्यम से प्रबंधतंत्र, विद्यार्थी और बोर्ड परीक्षा से जुड़े हर शख्स से सहयोग की अपील करते हैं।कृपया करके न नकल करे और न होने दे।हम यही चाहते हैं।अगर इसके बाद भी कोई नकल करते पाया गया तो प्रशासन दंडात्मक कार्यवाही करेगा।नकलचियों और नकल को बढ़ावा देते जो भी पाया जायेगा, उस पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
ये निर्देश दिनेश शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके सभी जिले के माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों को दिए
उत्तर प्रदेश सरकार नकल विहीन बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए कृत संकल्प है। इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए गये हैं। सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि वे किसी भी दशा में बोर्ड की परीक्षा में नकल न होने दें। परीक्षा के दौरान प्रबन्ध तंत्र का कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्र के 200 मीटर की परिधि में न रहे। आगामी 15 जनवरी तक यह सुनिश्चित करा लिया जाये कि जिस किसी भी परीक्षा केन्द्र पर अभी तक सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील नहीं होने पाये हैं, उन्हें हर हाल में क्रियाशील करा लें। परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका की अदला बदली न हो सके, इसके लिए सभी परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका पर कोडिंग की व्यवस्था की जायेगी।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने यह निर्देश आज यहां योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिये। ऐसे विद्यालय जहां पढ़ने के लिए बच्चें नहीं आते हैं, केवल परीक्षा देने आते हैं, ऐसे विद्यालयों पर विशेष ध्यान दिये जायें तथा ऐसे विद्यालयों की सूची जिला व पुलिस प्रशासन के साथ-साथ एसटीएफ के अधिकारियों को भी उपलब्ध करायें, जिससे वहां नकल न होने पाये, यह सुनिश्चित किया जा सके।
उप मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि सभी परीक्षा केन्द्रों पर पूरी परीक्षा अवधि की रिकार्डिंग की जाये एवं उसे सुरक्षित रखा जाये। इसके साथ ही परीक्षा केन्द्रों पर जनरेटर आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये ताकि बिजली कटने की अवस्था में जनरेटर को चालू रखकर रिकार्डिंग की जा सके। परीक्षा केन्द्रों का सम्यक पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण सुविधाजनक हो सके, इसके लिए पारदर्शिता के साथ आॅनलाइन परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण की व्यवस्था की गयी, जिसके फलस्वरूप पिछले साल की तुलना में इस वर्ष लगभग 03 हजार परीक्षा केन्द्रों की संख्या में कमी आयी है जबकि परीक्षार्थियों की संख्या इस वर्ष लगभग 6.50 लाख बढ़ी है।
अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 मार्च तक सेवा निवृत्त होने वाले शिक्षक एवं शिक्षेणत्तर कर्मचारियों के सेवानिवृत्तिक समस्त देयकों के भुगतान का चेक उसी दिन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रयोगात्मक परीक्षा 13 जनवरी तक हर हालत में सम्पन्न करा ली जाय। प्रथम चरण के परीक्षार्थियों के छूटे हुए प्रयोगात्मक परीक्षा भी 13 जनवरी तक सम्पन्न करा लिये जायें। उन्होंने बोर्ड के सचिव को निर्देश दिये कि जिन परीक्षकों की अनुपस्थिति के कारण परीक्षार्थी प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं दे पाये, उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाये।
इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग में विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा संध्या तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा अवध नरेश शर्मा के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।