UPPCS-2018 परीक्षा का पैटर्न बदलने की तैयारी, जानें पूरी डिटेल्स

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPCS) 2018 की पीसीएस परीक्षा का पैटर्न बदलने का प्रॉसेस अगले महीने से शुरू करने जा रहा है। इस काम को पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर तक है। जिससे जनवरी से आवेदन लेने का काम आसानी से पूरा किया जा सके। यूपीपीएसी और उम्मीदवारों के सामने असमंजस की स्थिति न रहे।

Update:2017-09-27 17:10 IST

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPCS) 2018 की पीसीएस परीक्षा का पैटर्न बदलने का प्रॉसेस अगले महीने से शुरू करने जा रहा है। इस काम को पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर तक है। जिससे जनवरी से आवेदन लेने का काम आसानी से पूरा किया जा सके। यूपीपीएसी और उम्मीदवारों के सामने असमंजस की स्थिति न रहे।

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग परीक्षाओं का संचालन यूपीएससी के तर्ज पर करता आया है। वह चाहे सीसैट लागू करना रहा हो या फिर परीक्षा के अन्य पैटर्न में बदलाव का मामला हो। यूपी पीएससी ने 2017 में ही परीक्षा का पैटर्न बदलने की तैयारी की थी लेकिन, यूपी सरकार ने प्रस्ताव पर असहमति जताई जिससे वह प्रक्रिया लटकी रह गई है। इसीलिए पिछली बार पीसीएस के आवेदन लेने का कार्य देरी से शुरू हुआ।

यूपीएससी और यूपी पीएससी में अंतर

असल में यूपीएससी और यूपी पीएससी की मुख्य परीक्षा में अंतर है। यूपीएससी जहां मुख्य परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय है। वहीं यूपी पीएससी में दो वैकल्पिक विषय हैं। यूपीएसी में सामान्य अध्ययन के चार पेपर लिखित होते हैं, वहीं यूपी पीएससी में दो पेपर बहुविकल्पीय होते हैं। आयोग इसी तर्ज पर पाठ्यक्रम बदलने जा रहा है। इसका खाका अभी आयोग में ही तैयार हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि अक्टूबर में उसे यूपी सरकार को भेजा जाएगा।

2018 से हो सकता है लागू

बता दें कि आयोग विशेषज्ञों की कार्यशाला पहले ही करा चुका है। यूपी सरकार की आपत्ति का लगभग निस्तारण हो चुका है। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि पैटर्न बदलने का प्रस्ताव अभी आयोग में ही लंबित है, जल्द ही यूपी सरकार को भेजा जाएगा वहां से अनुमति मिलने के बाद अभ्यर्थियों को बदलाव से अवगत कराएंगे। पूरी तैयारी है कि 2018 पीसीएस से यह लागू हो जाए।

ऐसा होगा नया परीक्षा पैटर्न

प्रस्ताव बनाया गया है कि यूपी पीसीएस की मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के चार पेपर शामिल किए जाएं। चारों पेपरों की लिखित परीक्षा हो, जैसा कि आईएएस की मुख्य परीक्षा में होता है। इसके अलावा दो वैकल्पिक विषयों के बजाय एक विकल्प की व्यवस्था लागू की जाएं। जबकि 150-150 नंबर के सामान्य हिंदी और निबंध के पेपर को पहले की तरह बरकरार रखा जाए। नए पैटर्न में सामान्य अध्ययन का हर पेपर 200-200 यानी कुल 800 नंबर का होगा जबकि अभी कुल 400 अंक के सामान्य अध्ययन के दो पेपर आते हैं। इसके अलावा नई व्यवस्था में वैकल्पिक विषय के कुल 400 अंक रह जाएंगे जबकि अभी कुल 800 अंक के दो वैकल्पिक विषय होते हैं।

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