नालंदा यूनिवर्सिटी बना रहा वैदिक अध्ययन की योजना, भारतीय ज्ञान प्रणाली के विस्तार पर होगा केंद्रित

नालंदा यूनिवर्सिटी शुरू करने की योजना बना रहा है और योग जैसे विषयों में भी संक्षिप्त अवधि का पाठ्यक्रम शुरू करने की संभावना है। नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति सुनयना सिंह ने एक बयान में कहा, 'मौजूदा स्कूलों के भीतर, हम नए विभाग बनाएंगे।' बिहार के नालंदा जिले में बौद्ध तीर्थ स्थल राजगीर में स्थित इस विश्वविद्यालय का पहला शैक्षणिक सत्र एक अस्थायी परिसर में 2014 में शुरू हुआ था।

Update: 2017-05-20 14:59 GMT

पटना : नालंदा यूनिवर्सिटी शुरू करने की योजना बना रहा है और योग जैसे विषयों में भी संक्षिप्त अवधि का पाठ्यक्रम शुरू करने की संभावना है। नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति सुनयना सिंह ने एक बयान में कहा, 'मौजूदा स्कूलों के भीतर, हम नए विभाग बनाएंगे।' बिहार के नालंदा जिले में बौद्ध तीर्थ स्थल राजगीर में स्थित इस विश्वविद्यालय का पहला शैक्षणिक सत्र एक अस्थायी परिसर में 2014 में शुरू हुआ था।

क्या कहा कुल पति ने?

कुलपति ने कहा, 'उदाहरण के तौर पर बौद्ध अध्ययन, दर्शनशास्त्र और तुलनात्मक धर्म के स्कूल में हमारी योजना वैदिक अध्ययन, भारतीय आध्यात्म परंपरा और शांति अध्ययन शुरू करने की है।' सुनयना ने नालंदा यूनिवर्सिटी को भारत, एशिया और एशिया-प्रशांत देशों के बीच एक बौद्धिक पुल बताया और कहा कि पश्चिमी देश भारत को एक समाधान केंद्र के रूप में देखते हैं।

भारतीय ज्ञान प्रणाली को फैलाने की जरूरत

उनका कहना है कि, 'भारतीय ज्ञान प्रणाली को फैलाने की जरूरत है।' उन्होंने बताया, 'विश्वविद्यालय योग और संचेतना जैसे विषयों में भी संक्षिप्त अवधि के पाठ्यक्रम शुरू कर सकता है।' कुलपति के अनुसार, विश्वविद्यालय को अकादमिक उत्कृष्टता के लिए अधिक स्कूल और विभाग स्थापित करने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा, 'भाषा एवं साहित्य स्कूल तथा अंतराष्ट्रीय संबंध एवं शांति अध्ययन स्कूल पर हम आगे ध्यान केंद्रित करेंगे।'

 

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