डर होगा छूमंतर, जो EXAM के आखिरी 9 मिनट्स में अपनाएं ये TOP-5 टिप्स

Update: 2018-07-08 06:51 GMT

(चारू खरे )

लखनऊ : उत्तर पुस्तिका हमारे सामने है और प्रश्न पत्र करीब आ रहा है। दिमाग में डर हैं और मन "कोई तो बचा लो हमें यारों" के गीत गा रहा है। कुल मिलाकर टेंशन घनघोर है, और टीचर की नज़र सिर्फ हमारी ओर है। अब ऐसे में हम बेचारे बच्चे करें तो क्या करें? टीचर के दो मस्त-मस्त नैन देखें या फिर आने वाले भविष्य को सुधारने वाले पेपर का खुलकर दीदार करें तो इसीलिए मैं चारु खरे लायी हूँ कुछ ऐसे सुझाव जो एग्जाम के आखिरी 9 मिनट आपको चिंतामुक्त कर सकते है तो आइये जानते है 9 मिनट्स के ये कुछ सरल और बेहतरीन उपाय-

सबसे पहले और सबसे अहम बात तो ये है कि जब आप एग्जाम रूम के अंदर एंटर करें, तो 1 से 10 तक कि उलटी गिनती गिने लंबी सांस ले और अपने दोस्तों को हाय-हेलो कहे। क्योंकि जैसा कि हम सभी जानते है हम चाहे जितनी भी टेंशन में हो दोस्त सब भुला देते है और अगर आपकी किस्मत अच्छी नहीं है आपका कोई दोस्त एग्जाम रूम में अवेलेबल नहीं है तो सिंपल जो कोई भी आपके बग़ल बैठा हो उसे एक दिन का दोस्त बना ले। हाथ मिलाने से ऊर्जा शक्ति का आदान-प्रदान होगा और आपका मूड भी फ्रेश हो जाएगा टेंशन कम होगी।

दूसरा विकल्प जो हमारे सामने आता है वो ये है कि दोस्तों- "टीचर एक ऐसा सामाजिक प्राणी है जिसे शायद बचपन से ही सिर्फ खडूस लुक्स देने और शांत रहने और शांत रखने की कसम खिलवाई जाती है तो उनसे आँखें मिलाने से बेहतर है। आप अपने सामने लगे ब्लैक या वाइट बोर्ड को देखें और एकाग्रचित बनें रहे ।

तीसरा उपाय एक मुहावरे के साथ आता है यानी कि " तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा" अर्थात, आप कभी भी प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिका और अंक के पीछे न भागे मतलब कि प्रश्न पात्र पाते ही घबराये नहीं उत्तर पुस्तिका देखकर ये न सोचे कि 42 के 42 पेज भरने से ही अच्छे अंक प्राप्त होंगे और तीसरा प्रश्न पत्र देखते ही अंक कभी जोड़ने न लग जाए कि अरेरेरे 15 का पहला 20 का दूसरा 5 का दो कर ले तो पास होने भर का तो ही जाएगा तो इन सब चीज़ों से " बच के तू रहना, तू बचके तू रहना ये सब मायाजाल है इसमें फंसके तू न रहना "

चौथा उपाय कुछ बच्चों की आदत होती है उत्तर पुस्तिका और प्रश्न पत्र मिलने के एक मिनट पहले तक रटने की और दूसरों को भी रटवाने की यानी कि अरे! ये वाला पढ़ा क्या था? रुको-रुको नहीं पता कॉपी में जल्दी से देख लेते है तभी कोई दूसरा आया यार! ये पढ़ लिया? तुरन्त कॉपी बंद! नहीं नहीं बताओ तुम बता दो क्या होगा हम जल्दी से याद कर लेंगें ...

जी हां ये हैं वो लोग जो बेहद ही कंफ्यूज दिमाग के साथ पेपर देने आते है जिन्हें ठंडे पानी कि सख्त जरुरत होती है। ऐसा करने वाले लोग आखिरी मिनट्स में नाही कुछ पढ़ ही पाते है और आता हुआ भी भूल जाते है। क्योंकि सब जानते है आधे अधूरे ज्ञान ने आजतक सिर्फ लुटिया डुबाने का ही काम किया है। तो आलिया, सिद्धार्थ और वरुण के फैंस " रट्टा मार" की धुन पर थिरकने के बजाये आमिर खान के फैन बनकर दिलों-दिमाग को "आल इज़ वेल" कहे और मिस्टर पर्फेक्निस्ट की तरह बनकर परफेक्ट पेपर दें।

पांचवा उपाय भाई बिलकुल 5 की टेबल की तरह है बिलकुल इजी। तो इसीलिए इस उपाय को आप नाम दीजिये " टेक इट इजी" या फिर " टेक अ चिल पिल" यानी की "अब चाहे जो हो जाए एग्जाम से मैं न डरूँ बस खुद ही को ज्ञानी मान लूँ। जी हां। दोस्तों आप ये बिलकुल न सोचे कि आपने कितना कम या दूसरों ने कितना ज्यादा पढा बल्कि आँखें बंद करें और खुद को एग्जाम रूम का "बेस्ट स्टूडेंट" और बाकियों को कुछ देर के लिए "विश्व का सबसे बड़ा मुर्ख" मान लें क्योंकि उस वक़्त आपका भला सिर्फ आपके सिवा और कोई नहीं कर सकता तो बच्चों - " जनहित में जारी, खुद को माने ज्ञानी।"

तो ये थे कुछ अहम उपाय जिन्हें एग्जाम के पहले अपनाने से आपके एग्जाम की "हैप्पी वाली एंडिंग" हो सकती है आशा है ये चटपटा अंदाज़ वाला मंत्र आपकी मदद करेगा और ज़िन्दगी में बुलंदियों को छूने और हर डर का सामना ख़ुशी से करना सिखाएगा।

 

 

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