Chief Minister Mamata Banerjee: ममता बनर्जी का यूपी विधानसभा चुनाव के जरिए लोकसभा चुनाव पर फोकस
Chief Minister Mamata Banerjee: ममता बनर्जी केवल विधानसभा चुनाव के लिए नहीं, बल्कि दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी भी शुरू करने आईं हैं।
Chief Minister Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) भले ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के समर्थन में चुनाव प्रचार करने के लिए वाराणसी आई हो पर इसके पीछे उनकी एक बड़ी राजनीतिक रणनीति भी छिपी हुई है। ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने केवल विधानसभा चुनाव के लिए नहीं बल्कि दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर अपनी तैयारी भी शुरू करने आईं हैं। यही कारण है कि उन्होंने अभी से देश के सबसे बड़े सबे उत्तर प्रदेश में अपना फोकस करना शुरू किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Parliamentary Constituency Varanasi) के दशाश्मेघ घाट पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) भारी विरोध के बाद भी न घबराई और न ही वापस लौटी, बल्कि वहीं घाट की सीढ़ियों पर बैठकर कलरव करती गंगा की जलराशि पर नजरें टिका दी। इस दौरान उनके चेहरे पर आत्मविश्वास झलक रहा था और निगाहें थी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) के दौरान नरेंद्र मोदी (OM Narendra Modi) के खिलाफ एक ताकतवर विकल्प के तौर पर स्वयं को स्थापित करने पर।
वैसे तो उत्तर प्रदेश में ममता (West Bengal CM Mamata Banerjee) की तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) का न कोई आधार हैं और न ही वह यहां किसी बडे़ वोट बैंक को प्रभावित कर सकती हैं। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पक्ष में प्रचार व रैली कर रही है तो बात छोटी नहीं हो सकती है। जाहिर है कि उनका लक्ष्य कही और है और ममता किसी भी तरह से इस लक्ष्य को भेदने में जुटी हैं।
ममता में देश की प्रधानमंत्री बनने वाली सभी खूबियां
हालांकि ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने कभी अपने इस लक्ष्य का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन उनके तमाम समर्थक मानते हैं कि उनमें देश की प्रधानमंत्री बनने वाली सभी खूबियां है। ममता की ज़िद और टकराव की राजनीति का ही करिश्मा है कि वह पश्चिम बंगाल से वामपंथी सरकार को उखाड़ने में कामयाब रही। उन्होंने केंद्र के बड़े दलों कांग्रेस और भाजपा के साथ भी अपने तेवर बरकरार रखे। उनकी छवि धीरे-धीरे एक ऐसे नेता की बन रही है जो केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और उसके ताक़तवर नेताओं से भी मुकाबला करने में पीछे नहीं है।
भाजपा को पराजित करने के बाद ममता का मनोबल सांतवें आसमान पर
बीते साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उनकी पूरी भगवा ब्रिगेड़ को अकेले ही नाको चने चबवा देने और पराजित करने के बाद ममता का मनोबल सांतवें आसमान पर हैं। पश्चिम बंगाल की जीत के बाद अब ममता की नजरे अपने लक्ष्य पर वैसे ही केंद्रित है जैसे अर्जुन की मछली की आंख पर थी। दरअसल, ममता जानती है कि अब चुनाव धारणा के सहारे जीते जाते है।
वह जानती है कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जैसी लोकप्रियता की बुलंदियों पर पहुंची शख्सियत को हराने के लिये उनको अपने पक्ष में 'परसेप्शन' गढ़ना होगा। इसके लिये उत्तर प्रदेश से बेहतर कोई जगह और यहां विधानसभा चुनाव से अच्छा कोई समय नहीं हो सकता।
यूपी में सपा की सरकार बनने पर पूरे देश में होगा असर
ममता (West Bengal CM Mamata Banerjee) के लखनऊ (Lucknow) और वाराणसी (Varanasi) आने के बाद यूपी में अगर सत्ता परिवर्तन हुआ और समाजवादी पार्टी की सरकार (SP Government) बन गयी तो इसका असर पूरे देश में होगा। अगले लोकसभा चुनाव में वह मोदी विरोधी विपक्ष की अगुआ बन सकती हैं। ममता इन दिनों इसी कोशिश में लगी हुई है। वह भाजपा और कांग्रेस से इतर एक मोर्चा बनाने पर काम कर रही है। यही कारण है कि ममता वह सब कुछ कर रही है जो अपने यूपी आगमन के समय नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किया था। इसके लिये वह नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पहुंची। ममता (West Bengal CM Mamata Banerjee) अपनी आक्रमक शैली में रैली में गरज रही है तो गंगा आरती के दर्शन भी कर रही हैं।
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