Hamirpur Election Result 2022: सपा से नहीं भाजपा से प्रोफेसर डॉ मनोज प्रजापति की विधायक बनने की राह हुई आसान, जीते चुनाव

Hamirpur Election Result 2022: पूर्व विधायक शिवचरण प्रजापति के पुत्र प्रोफेसर डॉ मनोज प्रजापति हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर दर्ज की है।

Report :  Ravindra Singh
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-03-10 20:40 IST

डॉ. मनोज प्रजापति। 

Hamirpur Election Result: कांशीराम के मिशन (Kanshi Ram Mission) से जुड़कर राजनीति शुरू करने वाले पूर्व विधायक शिवचरण प्रजापति (Former MLA Shivcharan Prajapati) ने अपने पुत्र डॉ. मनोज प्रजापति को सपा में स्थापित करा कर विधायक बनाने का मार्ग चुना। लेकिन दो चुनाव लड़ने के बाद जीत का स्वाद नहीं चख पाए। 2022 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) में सपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे और तैयारियां भी जोरदार की थी। लेकिन ऐनवक्त पर सपा ने उनका टिकट काट दिया। टिकट कटते ही उन्होंने सपा को अलविदा कहा और विधायक बनने का सपना संजोए टिकट के लिए भाजपा (BJP) में शामिल हो गए। उनका यह सपना सच साबित हुआ और टिकट लाकर वह बसपा सपा में सेंध लगाकर भाजपा के टिकट पर विधायक बनने में कामयाब हो गए। उनकी इस कामयाबी में अंत समय में क्षत्रिय व ब्राह्मण समाज ने अहम भूमिका अदा की। इसका सकारात्मक असर पड़ा और मनोज विधायक बनने में कामयाब हो गए।

1985 में बसपा में शामिल हुए थे कांशीराम

सुमेरपुर विकासखंड क्षेत्र (Sumerpur Block Area) के पौथिया गांव के मूल निवासी शिवचरण प्रजापति कांशीराम के मिशन (Kanshi Ram Mission) से प्रभावित होकर 1985 में बसपा में शामिल हो गए थे। बसपा (BSP) से चार बार विधायक बनने और मंत्री बनने के बाद बसपा सुप्रीमो से हुए मनमुटाव के बाद वह 2007 के बाद बसपा से अलग होकर सपा में शामिल हो गए थे। सपा ने 2012 में उन्हें प्रत्याशी बनाया। लेकिन भाजपा (BJP) की साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) से चुनाव हार गए।

2017 के चुनाव में सपा ने मनोज प्रजापति को दिया टिकट

वर्ष 2014 के उपचुनाव में सपा से विधायक बने। उम्र दराज होने के बाद 2017 के चुनाव में उन्होंने अपने शिक्षक पुत्र मनोज प्रजापति (Manoj Prajapati) को सपा (SP) के टिकट पर मैदान में उतारा। लेकिन यह भाजपा के अशोक सिंह चन्देल से पराजित हो गए। 2019 में सदर सीट पर उपचुनाव होने पर सपा ने इन पर दांव लगाया। लेकिन उपचुनाव में भाजपा (BJP) के युवराज सिंह (Yuvraj Singh) से हार बैठे। 2022 के चुनाव की जोरदार तैयारी कर रखी थी।

सपा (SP) के टिकट के प्रबल दावेदार थे। लेकिन सपा ने इनको टिकट नहीं दिया और वह ऐनवक्त पर भाजपा (BJP) से टिकट लेकर मैदान में आ डटे। शुरुआत में लगा कि भाजपा से चुनाव लड़ना इनके लिए महंगा साबित हो सकता है। लेकिन बाद में उन्होंने स्थित संभाली और नाराज क्षत्रिय मतदाताओं के साथ भाजपा के ब्राह्मण मतों को सहेज कर सपा बसपा के पुराने साथियों के साथ जीत का तड़का लगाकर विधायक बनने का सपना पूरा कर लिया।

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