UP Assembly Election: धर्मेंद्र प्रधान को सौंपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का जिम्मा, अनुराग ठाकुर को बनाया सह प्रभारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बुधवार को प्रदेश प्रभारियों के नाम का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा 7 सह-प्रभारी बनाए गए हैं.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने बुधवार को पांचों चुनावी राज्यों के लिए अपने प्रभारियों (Election In-Charge) का ऐलान किया।
वहीं, यूपी चुनाव के लिए भाजपा ने प्रभारी व सह प्रभारियों की घोषणा कर दी है। भाजपा के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, अर्जुनराम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु व राज्स सभा सदस्य सरोज पांडेय व विवेक ठाकुर को सह प्रभारी बनाया है।
इन्हें मिली उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की जिम्मेदारी
उत्तराखंड के लिए पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को प्रभारी बना कर UP चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनके साथ लॉकेट चटर्जी और सरदार आरपी सिंह को भी सह-प्रभारी बनाया गया है।
साथ में पंजाब चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ-साथ हरदीप पुरी, मीनाक्षी लेखी, विनोद चावड़ा को प्रभारी नियुक्त किया गया है और गोवा चुनाव के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, मणिपुर के विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रभारी बनाया गया है।
पंजाब में कांग्रेस की सरकार
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। मार्च-अप्रैल के बीच इन जगहों पर चुनाव हो सकते हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अभी से ही कमर कस ली है। अभी इन में से 4 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। इन 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को मिशन 2024 का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है।
आपको बता दें कि देश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। सभी पार्टियों के महारथी अपना वोट बैंक को मजबूत करने के लिए लोगों को अभी से कार्य करने में जुट पड़ी है। हर पार्टी अपने स्तर पर रणनीति बनाने शुरू कर दी है।