UP Election 2022: बलरामपुर में भाजपा को साख बचाने की चुनौती, सपा बसपा लगाए है टकटकी
UP Election 2022: पूर्वाचंल क्षेत्र में बलरामपुर ऐसा जिला है जहां चार विधानसभा सीटों में एक मंत्री समेेत भाजपा के तीन विधायकों की प्रतिष्टा दांव पर लगी है।वहीं, मुख्य विपक्षी दल बसपा और सपा भी अपने असर को बढ़ाने के प्रयास में है। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की चारों सीटों पर कमल खिला था।
UP Electio 2022: पूर्वाचंल क्षेत्र में बलरामपुर (Balrampur) ऐसा जिला है जहां चार विधानसभा सीटों में एक मंत्री समेेत भाजपा के तीन विधायकों की प्रतिष्टा दांव पर लगी है। इस चुनाव में जहां भाजपा (BJP) को अपनी साख बचाए रखने की चुनौती है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल बसपा (BSP) और सपा (SP) भी अपने असर को बढ़ाने के प्रयास में है। इस पूरे क्षेत्र को योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के असर वाला जिला भी माना जाता है।
पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की चारों सीटों पर कमल खिला था। बलरामपुर सदर सुरक्षित सीट (Balrampur sadar Seat) पर भाजपा के पल्टूराम, सपा के हरिराम बौद्ध, कांग्रेस की बबिता आर्या और सपा के जगराम पासवान समेत 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा सदर के विधायक और भाजपा सरकार में होमगार्ड राज्य मंत्री पलटू राम के लिए भी यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है।
जिले की 4 सीटों पर चुनाव मैदान में 49 प्रत्याशी
बलरामपुर जिले की 4 विधानसभा सीटों पर कुल 49 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं और छठे चरण में तीन मार्च को जिले के 16 लाख से अधिक मतदाता इनके भाग्य का फैसला करेंगे। यहां आठ लाख 71 हजार 469 पुरुष, सात लाख 30 हजार आठ महिला और 100 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
बलरामपुर सीट (Balrampur seat)
बलरामपुर सीट (Balrampur seat) पर कुल चार लाख 24 हजार 318 मतदाता हैं। पिछले दो चुनावों से यह सीट सुरक्षित है। इस सीट पर एससी और ओबीसी वोटरों की संख्या काफी है। इसके बाद मुस्लिम और सामान्य मतदाता आते हैं। वर्ष 2012 में सपा के जगराम पासवान ने जीत दर्ज की थी जबकि 2017 में भाजपा गोंडा निवासी पलटूराम कांग्रेस के शिवलाल को 24860 वोटों से पराजित किया था।
गैंसड़ी विधानसभा सीट (Gainsdi assembly seat)
गैंसड़ी विधानसभा सीट (Gainsdi assembly seat) पर भाजपा के शैलेश कुमार सिंह, बसपा के अलाउद्दीन, कांग्रेस के डा0 इश्तियाक अहमद और समाजवादी पार्टी के डा. शिवप्रताप यादव समेत 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर कुल तीन लाख 63 हजार 738 मतदाता हैं। कांग्रेस और जनसंघ का गढ़ रही गैसड़ी सीट पर सपा के डॉक्टर एसपी यादव तीन बार विधायक चुने गये और दो बार मंत्री भी रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक ओबीसी और मुस्लिम वोटर हैं। वर्ष 2012 में बसपा के अल्लाउद्दीन खान ने यहां जीत दर्ज की थी जबकि 2017 भाजपा के शैलेश सिंह शैलू ने बसपा के अलाउद्दीन को 2303 वोट से हराया था।
तुलसीपुर विधानसभा सीट (Tulsipur assembly seat)
तुलसीपुर विधानसभा सीट (Tulsipur assembly seat) पर भाजपा के कैलाश नाथ शुक्ल, कांग्रेस के दीपांकर सिंह, सपा के अब्दुल मशहूद खान और बसपा के भुवन प्रताप सिंह समेत 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर कुल तीन लाख 81 हजार 717 वोटर हैं। यह ब्राह्मण और मुस्लिम बाहुल्य सीट है। यहां भाजपा और सपा का काफी समय तक कब्ज़ा रहा है। वर्ष 2012 में यहां से मसहूद खान ने जीत दर्ज की थी। जिले के कद्दावर नेता रहे रिज़वान ज़हीर और देवीपाटन शक्तिपीठ का इस सीट पर ख़ासा प्रभाव है। वर्ष 2017 में तुलसीपुर सीट पर भाजपा के कैलाश नाथ शुक्ला ने कांग्रेस के जेबा रिजवान को 18659 मतो से हराया था।
उतरौला विधानसभा सीट (Utraula assembly seat)
उतरौला विधानसभा सीट (Utraula assembly seat) पर भाजपा के रामप्रताप वर्मा, कांग्रेस के धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू, सपा के हसीब खान, बसपा के रामप्रताप वर्मा समेत 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर कुल चार लाख 31 हजार 913 मतदाता हैं।
वर्ष 2009 में हुए परिसीमन के बाद इस सीट में सादुल्ला नगर क्षेत्र का आंशिक हिस्सा भी इसमें जुड़ गया था। इस सीट पर मुस्लिम और ओबीसी मतदाताओं की बड़ी आबादी है, इसके बाद सामान्य और अन्य वर्ग हैं। वर्ष 2012 में सपा के आरिफ़ अनवर हाश्मी ने जीत दर्ज की थी वहीं 2017 में भाजपा के राम प्रताप उर्फ शशिकांत वर्मा ने सपा के आरिफ अनवर हाशमी को 29174 वोटों से हराया था।
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