UP Election 2022: बेहद चुनौती भरा हैं इन सीटों को जीतना, बहुत कम अंतर से मिली थी जीत

UP Election 2022: प्रदेश के छठे चरण में 10 जिलों की इन सीटों पर डुमरियांगज, गैसड़ी, चिल्लूपार, गोरखपुर, फरेंदा, बांसडीह सीटों में जीतना काफी बेहद चुनौती भरा है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-03-01 14:45 IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP Election 2022: हर चुनाव में कुछ सीटें ऐसी होती हैं जहां पर कुछ प्रत्याशियों को बहुत बडे़ अंतर से जीत मिलती है, तो कुछ सीटें ऐसी भी होती हैं जहां प्रत्याशी बेहद मामूली अंतर से चुनाव जीतकर विधानसभा का रास्ता तय करते हैं। ऐसा ही पिछले विधानसभा चुनाव में हुआ था जब आखिरी चरण के होने वाले चुनावों मे डुमरियांगज, गैसड़ी, चिल्लूपार, गोरखपुर, फरेंदा, बांसडीह सीटों में बहुत अंतर से जीत मिली थी।

प्रदेश के छठे चरण (6th phase polling) में इन 10 जिलों में अम्बेडकरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया एवं बलिया के विधान सभा क्षेत्रों में मतदान होना है।

डुमरियागंज (dumariaganj)

पूर्वांचल के जिले सिद्धार्थनगर (District Siddharthnagar) की डुमरियागंज सीट (dumariaganj assembly) ऐसी सीट हैं जहां पिछले चुनाव यानी 2017 में भाजपा के राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने जीती थी। लेकिन उनकी जीत का अंतर मात्र 171 ही था। उन्होंने बसपा प्रत्याशी को चुनाव हराकर अपना विधानसभा का रास्ता साफ किया था। इस बार राघवेंद्र प्रताप सिंह फिर से पार्टी के प्रत्याशी हैं। बसपा ने यहां अशोक तिवारी कांग्रेस ने कांति पांडे और सपा ने सैयदा खातून को अपना प्रत्याषी बनाकर इस सीट पर कब्जे की योजना बनाई है।

फरेंदा (Farenda)

इसी तरह महराजगंज जिले (Maharajganj District) की एक सीट फरेंदा (Farenda Assembly) है। यह सीट भी पिछले बार भाजपा के बजरंग बहादुर सिंह ने जीती थी। उन्होंने कांग्रेस के वीरेन्द्र चौधरी को केवल 2354 वोटों से हराने का काम किया था। इस बार जहां भाजपा ने एक बार फिर बजरंग बहादुर को मौका दिया है वहीं कांग्रेस ने भी वीरेद्र पर ही दांव लगाया है। जबकि सपा के परशुराम और बसपा के ईशु चौरसिया मैदान में हैं।

गैंसड़ी (Gainsdi)

बलरामपुर जिले (Balrampur District) की गैंसड़ी विधानसभा सीट (Gainsdi assembly seat) से पिछली बार लखनऊ विष्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह शैलू पर भाजपा ने दांव लगाया और उन्हे यहां से अपना प्रत्याषी बनाया। मोदी लहर के चलते शैलेन्द्र सिंह सिंह चुनाव तो जीत गए पर उनकी जीत का अंतर बेहद मामूली रहा। उन्होनंे बसपा प्रत्याशी को मात्र 2303 वोटों से हराने का काम किया। इस बार भी भाजपा ने शैलेन्द्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाने का काम किया है। बसपा ने अलाउद्दीन सपा ने शिवप्रताप यादव तथा कांग्रेस ने डा इश्तियाक को उतारा है।

गोरखपुर ग्रामीण (Gorakhpur Rural)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanth) के गृहनगर गोरखपुर की एक सीट है गोरखपुर ग्रामीण (Gorakhpur Rural Assembly seat)। जहां पिछले चुनाव में भाजपा के विपिन सिंह ने 4410 वोटों से जीती थी। उन्होंने अपने निकटतक प्रत्याषी सपा के विजय यादव को हराने का काम किया था। इस सीट पर इस चुनाव में भी दोनो प्रत्याशी आमने सामने हैं। बसपा ने दारा सिंह निषाद को तो कांग्रेस ने देवेन्द्र निषाद को पार्टी का प्रत्याशी बनाने का काम किया है।

चिल्लूपार (Chillupar)

बाहुबली हरिशंकर तिवारी की जीत से हमेशा चर्चा में रही चिल्लूपार सीट (Chillupar Seat) पर पहली बार इस सीट पर बसपा राजेश त्रिपाठी चुनाव जीते थें। पिछला चुनाव हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी जीते थें। उन्होंने भाजपा के राजेश त्रिपाठी को मात्र 3359 वोटों से हराने का काम किया था। इस बार भी दोनों प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे है। बस फर्क यह है कि विनय शंकर तिवारी इस दफे बसपा से नहीं बल्कि सपा से उम्मीदवार हैं। बसपा ने इस सीट पर राजेन्द्र सिंह और कांग्रेस ने सोनिया शुक्ल को चुनाव मैदान में उतारा है।

बांसडीह (bansdih)

बलिया जिले (Ballia District) की एक सीट हैं बासंडीह (bansdih assembly seat), जो हमेषा से ही समाजवादी पार्टी (samajwadi party) के गढ वाली सीट रही है। यहां पर पिछला चुनाव आठ बार जीत चुके नेता प्रतिपक्ष रामगोबिन्द चौधरी जीतेे थें लेकिन उनकी जीत का अंतर बेहद मामूली था। रामगोबिंद चौधरी ने अपने राजनीतिक जीवन में सबसे कम अंतर यानी 1687 वोट से निर्दलीय केतकी सिंह से चुनाव जीते थें। इस बार भाजपा निषाद पार्टी से वह गठबन्धन उम्मीदवार है। बसपा ने मानती राजभर और कांग्रेस ने पुनीत पाठक पर दांव लगाया है।

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