B'Day स्पेशल:शर्मिला ने एक फोन पर उतरवा दिए थे अपने ही पोस्टर, जानें रोचक किस्से

शर्मिला टैगोर आज 76 साल की हो गई हैं। शर्मिला की कातिलाना हंसी के लाखों दीवाने हुआ करते थे। आज इस उम्र में भी उनका ग्रेस और चार्म बरकरार है।

Update:2020-12-08 09:20 IST
शर्मिला ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस फ़िल्म ने शर्मीला टैगोर के करियर को बुलंदियों पर पहुंचा दिया।

मुंबई : शर्मिला टैगोर का आज जन्मदिन है। शर्मिला टैगोर बीते जमाने की अभिनेत्रियों में जितनी खूबसूरत थी उतनी ही उनकी अदाकारी है। उनमें अभिनय और सुंदरता का अद्भुत मिश्रण था वो सत्यजीत रे की पारखी नजर की देन है। उनकी फिल्मों में शर्मिला ने बहुत काम किया । अभिनय के अलावा शर्मिला टैगोर का रिश्ता क्रिकेट से भी है। वैसे तो ऐसे कई क्रिकेटर हैं जिन्होंने एक्टेसेस से शादी की है, ऐसी ही जोड़ी में शामिल हैं मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला टैगोर की जोड़ी। बता दें शर्मिला का दिल जीतने के लिए करीब 4 साल का समय लगे था नवाब पटौदी को।

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आज बोल्ड और खूबसूरत एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर 76 साल की हो गईं हैं। शर्मिला की कातिलाना हंसी के लाखों दीवाने हुआ करते थे। शर्मिला पहली इंडियन एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने फिल्मफेयर मैग्जीन के कवर पेज के लिए बिकिनी पहनी थी। आज इस उम्र में भी उनका ग्रेस और चार्म बरकरार है। हैदराबाद में जन्मीं शर्मिला के पिता गितेन्द्रनाथ टैगोर 'टैगोर एल्गिन मिल्स' के ब्रिटिश इंडिया कंपनी के मालिक थे। फिल्म 'कश्मीर की कली' ने शर्मिला की जिंदगी बदल दी थी।

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रवींद्रनाथ टैगोर से जुड़ी..

8 दिसंबर 1944 को हैदराबाद के एक हिंदू बंगाली परिवार में जन्मीं शर्मिला की मां असम की थीं और पिता एक बंगाली परिवार से। शर्मिला टैगोर के पिता गितेन्द्रनाथ टैगोर 'टैगोर एल्गिन मिल्स' के ब्रिटिश कपंनी में और शर्मिला टैगोर की मां की मां यानी उनकी नानी, नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के भाई द्विजेंद्रनाथ टैगोर की नातिन थीं।

मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला की मुलाकात

दोनों की पहली मुलाकात 1965 में दिल्ली में हुई। पहली ही मुलाकात में पटौदी शर्मिला टैगोर को दिल दे बैठे, लेकिन मोहब्बत की राह आसान नहीं थी, क्योंकि टाइगर पटौदी नवाब खानदान से थे और शर्मिला बॉलीवुड एक्ट्रेस । शर्मिला उन दिनों एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में दिल्ली में थी। पटौदी उस समय दुनिया के सबसे युवा कप्तान थे। दोनों की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड की वजह हुई। दोनों के धर्म अलग थे, लेकिन इश्क बदस्तूर जारी था। कुछ साल बाद जब दोनों ने शादी का फैसला किया तो दोनों परिवार ने इसे स्वीकार नहीं किया। शर्मिला के घरवालों को ये पसंद नहीं आया कि वो किसी नवाब से शादी करें। तो पटौदी का परिवार नहीं चाहता था कि उनकी शादी किसी बॉलीवुड एक्ट्रेस से हो।

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रेफ्रिजरेटर में गिफ्ट भेजा

नवाब पटौदी ने शर्मिला को इंप्रेस करने के लिए उस दौर में रेफ्रिजरेटर गिफ्ट किया था। वह भी एक नहीं, सात। नाराज होकर शर्मिला ने उन्हें फोन किया और ऐसा करने से मना किया। हालांकि इसके बाद शर्मिला ने पटौदी को मिलने के लिए समय दिया। फिर तकरीबन चार साल तक नवाब शर्मिला को गुलाब का फूल ही भेजा करते थे। कहा जाता है कि नवाब पटौदी अपने प्यार का इजहार करने के लिए एक और खास तरीका अपनाते थे। स्टेडियम में शर्मिला जहां बैठकर उनका मैच देखतीं, नवाब उसी दिशा में गेंद खेलते और हर बार गेंद शर्मिला की गोद में जाकर गिरती।

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सास के मिलने आने पर शर्मिला ने किया था प्रोड्यूस को फोन

एन इवनिंग इन पेरिस' जैसी सुपरहिट फिल्म में काम करने वाली शर्मिला ने अपने प्यार के लिए धर्म परिवर्तन किया था। शर्मिला ने पटौदी के नवाब और भारतीय क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी से 27 दिसंबर 1969 को निकाह किया था। शर्मिला ने इस्लाम धर्म अपनाकर अपना नाम बेगम आयशा सुल्ताना खान रख लिया था। शर्मिला को जब पता चला था कि उनकी सास उनसे मिलने आ रही है, तो वे बहुत परेशान हो गईं थी। शर्मिला को इस बात की चिंता थी कि अगर मंसूर की मां ने उनके बिकिनी वाले पोस्टर देख लिए तो वे शादी से मना कर देंगी। इसके बाद शर्मिला ने फिल्म के प्रोड्यूसर को फोन किया और मुंबई की हर जगह से अपने बिकिनी वाले पोस्टर हटवाने को बोल दिया।

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दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

शर्मिला ने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत सौमित्र चटर्जी के साथ की और कई फिल्मों में काम किया। दोनों ने अपने करियर की शुरुआत साल 1959 में फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की रिलीज हुई फिल्म ‘अपुर संसार’से की थी। शर्मिला को उनके शानदार अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। भारतीय सिनेमा में अहम योगदान देने के अलावा वह सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

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पद्म भूषण से भी सम्मानित

कला की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुकीं शर्मिला को साल 2013 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। हालांकि शर्मिला हमेशा से ही शशि कपूर की फैन रही हैं। कश्मीर की कली फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर शशि कपूर पहुंचे तो शर्मिला शूटिंग कर ही नहीं पाईं। यह देखकर डायरेक्टर को शशि कपूर से रिक्वेस्ट करनी पड़ी कि वह सेट से बाहर चले जाएं।

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आज भी वही चार्म

भारतीय सिनेमा में अहम योगदान देने के कारण शर्मिला टैगोर को सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष की कुर्सी भी संभालने को दिया गया, लेकिन एक दौर वह भी था जब ‘अपुर संसार’ में अभिनय करने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था।

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शम्मी कपूर, संजीव कुमार, धर्मेंद्र जैसे कई महान कलाकारों के साथ काम करने के बावजूद राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी दर्शकों को सबसे ज्यादा पसंद आई। राजेश खन्ना के साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। हालांकि अमर प्रेम, दाग, आराधना में जबरदस्त अभिनय के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। शर्मिला टैगोर आज 76 साल की हो गई हैं। शर्मिला की कातिलाना हंसी के लाखों दीवाने हुआ करते थे। आज इस उम्र में भी उनका ग्रेस और चार्म बरकरार है।

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