काम नहीं मिला तो प्रॉस्टिट्यूट बन गई ये एक्ट्रेस, कभी रातों रात बनी थीं बॉलीवुड स्टार
बॉलीवुड में कई ऐसे स्टार्स हुए जिनका आखिरी समय तंगी में गुजरा। ऐसे ही कहानी है विमी की। सुनील दत्त की फिल्म हमराज से बॉलीवुड में बेहद खूबसूरत एक्टर्स विमी ने कदम रखा था। विमा का 1977 में निधन हो गया था। विमी उन हीरोइनों में से एक थीं जो अपनी खूबसूरती और अदाओं के लिए मशहूर हुईं।
मुंबई: बॉलीवुड में कई ऐसे स्टार्स हुए जिनका आखिरी समय तंगी में गुजरा। ऐसे ही कहानी है विमी की। सुनील दत्त की फिल्म हमराज से बॉलीवुड में बेहद खूबसूरत एक्टर्स विमी ने कदम रखा था। विमा का 1977 में निधन हो गया था। विमी उन हीरोइनों में से एक थीं जो अपनी खूबसूरती और अदाओं के लिए मशहूर हुईं। वह किसी परी कम नहीं नजर आती थीं।
विमी एक पंजाबी परिवार से थीं। अपने परिवार के मर्जी के खिलाफ उन्होंने कोलकाता के एक मारवाड़ी बिजनेसमैन से शादी की थी। फिल्मों में आने से पहले ही विमी शादीशुदा थीं, लेकिन इससे उनके फिल्मी करियर पर कोई फर्क नहीं पड़ा। संगीतकार रवि ने विमी को मुंबई लाकर बीआर चोपड़ा से मिलाया और यही से उनके फिल्मी करियर को पंख लगे।
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अपनी पहली फिल्म 'हमराज' से वो रातोंरात स्टार बन गईं। देखते ही देखते उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई और सभी हिट रहीं। अब तो निर्माता-निर्देशक विमी को अपनी फिल्मों में लेने के लिए उनके घर के चक्कर तक काटने लगे।
उन्होंने हमराज के बाद वचन, पतंगा और आबरू जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया। इसके बावजूद उनका करियर परवान नहीं चढ़ा। अपना करियर आगे बढ़ाने के लिए वो एक्सपोज करने तक को तैयार हो गईं थीं। इससे उनके पति नाराज होकर उनसे अलग हो गए।
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इसके बाद विमी ने जॉली नाम के प्रोड्युसर के साथ रहने लगीं। विमी का ये रिश्ता भी नाकाम रहा। तनाव और तंगहाली ने विमी को शराब का लती बना दिया और जॉली ने भी उनका साथ छोड़ दिया।
काम न मिलने की वजह से विमी की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई। कभी महंगी गाड़ियों में घूमने वाली और फिल्मों के जरिए मोटी कमाई करनेवाली विमी की आर्थिक हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें अपना बंगला तक छोड़ना पड़ा।
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विमी का आखिरी वक्त नानावटी अस्पताल में गुजरे और आर्थिक तंगी के आगे बेबस होकर विमी की सांसों ने भी उनका साथ छोड़ दिया। विमी इस कदर गुमनामी में चली गईं थीं कि कोई उनकी खोज खबर लेने वाला नहीं था।
कहा जाता है कि विमी ने खुद को वेश्यावृति के हवाले कर दिया था और इससे उनका बचा करियर भी बर्बाद हो गया। आखिरी दिनों में उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि उनकी शव यात्रा निकाली जाए और उनकी लाश को एक ठेले पर डालकर ले जाना पड़ा था।