Aryan Khan Drugs Case: ड्रग्स केस में फंसाया गया आर्यन खान को, नए गवाह का दावा

Aryan Khan Drugs Case: मुंबई क्रूज ड्रग केस में एक नए गवाह ने दावा किया है कि आर्यन खान को इस केस में पैसे ऐंठने के लिए फंसाया गया है। एनसीबी की यह रेड पूरी तरह से सोची समझी थी।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-11-07 06:41 GMT

आर्यन खान (फोटो साभार- इंस्टाग्राम) 

Aryan Khan Drugs Case: मुंबई क्रूज ड्रग केस (Mumbai Cruise Drugs Case) में आए दिन नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच आर्यन खान (Aryan Khan) को लेकर एक नए गवाह (Drugs Case Witness) ने बड़ा दावा किया है। इस गवाह का कहना है कि आर्यन खान को इस केस में पैसों के लिए फंसाया गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी (NCB) की ये रेड पूरी तरह से सोची समझी थी।

जानकारी के मुातिबक, महाराष्ट्र के धुले में रहने वाले विजय पगारे (Vijay Pagare) नाम के एक शख्स ने इस मामले में गवाही दी है और मुंबई पुलिस की एसआईटी के सामने 4 नवंबर को अपना बयान दर्ज कराया है। गवाह का दावा है कि क्रूज ड्रग्स केस मामले में आर्यन खान को फंसाया गया है और उससे पैसे कमाने की कोशिश की जा रही थी। यही नहीं गवाह ने यह भी बताया है कि क्रूज पर छापेमारी से पहले मनीष भानुशाली, सैम डिसूजा और केपी गोसावी कई बार सुनील पाटिल से मिल चुके थे। आपको बता दें कि सुनील पाटिल का नाम बीजेपी नेता मोहित भारतीय ने एक प्रेस वार्ता के दौरान लिया था। मोहित ने पाटिल को एनसीपी की करीबी बताया था।

आर्यन खान को ले जाती पुलिस (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

नए गवाह का खुलासा

पगारे का कहना है कि अपने पैसे लेने के लिए वो बीते कुछ समय से सुनील पाटिल के साथ रह रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाटिल पगारे के पैसे वापस नहीं कर रहा था, जिसके चलते पगारे हर कहीं पाटिल का पीछा करते थे। पगारे ने बताया कि 3 अक्टूबर को बीजेपी से जुड़ा मनीष भानुशाली, जो ड्रग्स केस में गवाह है, उनके होटल के कमरे में गया और कहा कि तुम आओ तुम्हें तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे। इसके बाद दोनों एनसीबी ऑफिस की ओर रवाना हो जाते हैं।

गवाह ने बताया कि इस दौरान भानुशाली किसी से फोन पर बात करते वक्त पूजा, सैम और मयूर जैसे नाम ले रहा था। पगारे के मुताबिक, जब वो एनसीबी ऑफिस पहुंचा तो बाहर मीडिया को खड़ा देखा, जिसके बाद उसे पता चला कि आर्यन खान को हिरासत में लिया गया है। इस पर पगारे को शक हुआ कि जिस पैसे की बात की जा रही थी, वो इसी केस से जुड़े थे। इसके बाद मीडिया में जब क्रूज पर रेड की खबरें सामने आईं, जिसमें भानुशाली और केपी गोसावी आरोपियों को बाहर लाते दिख रहे थे, तब पगारे को यह समझ आया कि यह सोची-समझी छापेमारी थी।

पगारे का कहना है कि छापेमारी से पहले पाटिल ने उससे कहा था कि उसे काम मिल गया है और वह उसके पैसे लौटा सकता है। गवाह ने बताया कि उसे उस वक्त तक इस रेड के बारे में कोई सूचना नहीं थी। पगारे के मुताबिक, इस बारे में आर्यन खान के वकील सतीश मानेशिंदे को बताने की भी कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।

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