पिता के निधन के बाद एआर रहमान की ऐसी हो गई थी हालत, इसलिए बदला धर्म

बॉलीवुड में एक से बढ़ कर एक ऐसे संगीतकार और गीतकार मौजूद हैं जिनके गीत सुनते ही अलग ही ऐसा लगता है कि किसी अलग ही दुनिया में कदम रख लिया हो। उनकी धुन को चाहे जितनी बार भी सुनों नया सा लगता है। ऐसे ही एक भारतीय संगीतकार, गायक और संगीत निर्माता हैं ए आर रहमान।

Update: 2021-01-06 07:10 GMT
पिता के निधन के बाद ऐसी हो गई थी हालत, आज विदेशों में होती हैं ए आर रहमान की चर्चा

मुंबई : बॉलीवुड में एक से बढ़ कर एक ऐसे संगीतकार और गीतकार मौजूद हैं जिनके गीत सुनते ही अलग ही ऐसा लगता है कि किसी अलग ही दुनिया में कदम रख लिया हो। उनकी धुन को चाहे जितनी बार भी सुनों नया सा लगता है। ऐसे ही एक भारतीय संगीतकार, गायक और संगीत निर्माता हैं ए आर रहमान। जिस भी फिल्म के लिए ए आर रहमान ने गाने बनाए और गाए हैं वे सभी हिट रही। ए आर रहमान मुख्य रूप से तमिल और हिंदी फिल्मों में काम करने के लिए जाने जाते हैं। इनकी चर्चा भारत से लेकर विदेशो तक होती है।आज ए आर रहमान अपना 52वां जन्मदिन मन रहे हैं। तो चलिए जानतें हैं इनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें।

पिता के निधन के बाद बढ़ी जिम्मेदारी

ए आर रहमान का असली नाम ए एस दिलीप कुमार हैं। इनका जन्म 6 जनवरी, 1967 में मद्रास में हुआ। जन्म से हिंदू रहमान इस्लाम में परिवर्तित हो गए जब वह 20 साल के था। जिसके बाद उनका नाम अल्लाह रक्खा रहमान हो गया । पिता का निधन के बाद घर की जिम्मेदारी उनकी मां पर आ गई थी। तब उन्हें और उनके परिवार को एक पीर मिले जिन्होंने उनके दिमागी रूप से दुख से उभरने में मदद की । रहमान और उनका परिवार उस पीर से हमेशा जुड़े रहे। जब रहमान 20 साल के हुए तब उनकी मां और उनका आकर्षण सुफी और इस्लामिक विचारधारा की ओर बढ़ने लगा। तभी उन्होंने धर्म परिवर्तन का फैसला किया। रहमान ने एक किताब में बताया है कि उनके परिवार पर किसी ने भी धर्म परिवर्तन करने का दबाव नहीं बनाया था। धर्म बदलना दिल से आया फैसला था।

इन सभी पुरस्कारों से नवाज़ा गया

संगीत के प्रति ए आर रहमान का प्रेम इतना है कि आप उसे खुद भी उनके गानों के ज़रिए महसूस कर सकतें हैं। उनकी फैन फालोविंग न केवर भारत बल्कि विदेशों में भी लाखों करोड़ों की संख्या में उनके फैन मौजूद हैं। बता दें, साल 2010 में भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया। इसके साथ ही ए आर रहमान के पुरस्कारों में छह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दो अकादमी पुरस्कार, दो ग्रेमी पुरस्कार, एक बाफ्टा पुरस्कार, एक गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, पंद्रह फिल्मफेयर पुरस्कार और सत्रह फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुके हैं।

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ऐसे की करियर की शुरुआत

शुरुआत के दिनों में ए आर रहमान ने विज्ञापनों और भारतीय टेलीविजन चैनलों के लिए काम किया । अपने इन-हाउस स्टूडियो पंचथन रिकॉर्ड इन के साथ, रहमान का फिल्मी कैरियर 1990 के दशक की शुरुआत में तमिल फिल्म रोजा के साथ शुरू हुआ। उन्होंने तमिल भाषा की फिल्मों के लिए कई गाने बनाए, जिनमें फिल्म बॉम्बे, शहरी कदलन, थिरुदा थिरुडा और जेंटलमैन शामिल हैं। तमिल और हिंदी फिल्मों के साथ उन्होंने हॉलीवुड फिल्म कॉमेडी कपल्स रिट्रीट (2009) के लिए बीएमआई पुरस्कार जीता। साथ ही साल 2008 की हिट फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए उनके संगीत ने उन्हें 81वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर और सर्वश्रेष्ठ गीत अर्जित किया।

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